जमशेदपुर। फुरसत में साहित्यिक समूह ने एक अनूठे तरीके से *रामोत्सव *मनाया। राम की जीवन यात्रा और रामायण से जुडे प्रसंगों के आधार पर प्रश्नोत्तरी.परिचर्चा. चतुष्पदी लेखन कर राम का अभिनंदन किया। सभी सदस्यों ने अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के सुन्दर आयोजन को अपनी काव्यात्मक पुष्पांजलि अर्पित की.अध्यक्ष पद्मा मिश्रा ने *हम राम के .रघुवर हैं।
हमारे*काव्य रचना से कार्यक्रम की शुरुआत की। वरिष्ठ रचनाकार छाया प्रसाद ने जहां **सेतु भाल पर सजता.नयन सजल सुहावन है..से अपनी रचना पढी तो मन का कलुष मिटाने रघुवर कलयुग में भी आयेंगे(कहकर वीणा पाण्डेय ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इंदिरा पाण्डेय की काव्यात्मक प्रस्तुति भी मोहक रही। निशब्द हूं.आनंदित हूं। शरणागत हूं.मैं बस.राममय हूं वरिष्ट कवयित्री संस्थापित श्रीमती आनंद बाला शर्मा की प्रस्तुति भी सराहनीय और प्रेरक रही. **काली अंधेरी रात..सागर तट पर निश्चल बैठे थे।
उपाध्यक्ष रेणुबाला मिश्र ने कहा**तन मन राममय.कण कण राममय. .सब हो गये एककार *इस पूरे कार्यक्रम में सचिव डा मनीला कुमारी, आरती श्रीवास्तव. श्रीमती किरण सिन्हा. संरक्षक सरित किशोरी श्रीवास्तव. सुधा अग्रवाल. माधुरी मिश्र डा मीनाक्षी कर्ण की सराहनीय भूमिका रही। सबके सम्मिलित प्रयासों से पूरा कार्यक्रम और परिवेश राममय हो गया। धन्यवाद ज्ञापन डा मनीला ने किया। समूह की.स्थापना समारोह के दिन सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा।
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