हाता। राम भगवान विष्णु का सप्तम अवतार है जो त्रेता युग में रावण और राक्षसों को वध करने के लिए अवतरित हुए थे।आज से करीब 6000 साल पूर्व राम जी लीला किये थे।उस समय दुनिया में सनातन धर्म छोड़कर कोई धर्म नहीं था।उस समय न कोई हिन्दू था न मुस्लिम,न ईसाई न शिख,न जैन न बौद्धिष्ठ।सभी लोग सनातनी थे।उस समय समाज में आर्य और अनार्य था,उच्च और नीच जाति का भेदभाव था।लेकिन भगवान राम सभी जाति के भगवान थे।उनके अंदर कोई भेदभाव नहीं था।
उच्च नीच जात पात नहीं करते थे भगवान राम।रामचंद्र जी ने अहल्या का उद्धार किया था।केवट को गले लगाया था,नीच जाति महिला शबरी की झूठी बैर खाये थे,गुहक चंडाल से मित्रता किये थे।कपि हनुमान को भक्त बनाये थे,कपि सुग्रीव को बंधु बनाये थे,भालू, बंदर,हनुमानओ को सेना बनाये थे,राक्षस विभीषण को सखा बनाये थे।राम सब का था।इसलिए राम सबका भगवान है।
हमारा दुर्भाग्य था कि राम जन्मभूमि अयोध्या में अभी तक राम जी मंदिर नहीं था।उसके लिए कितनी राजनीति हुई।कितनी लड़ाई लड़नी पड़ी,कितना वलिदान देना पड़ा।500 वर्ष तक हमें प्रतीक्षा करनी पड़ी।आगामी 22 जनवरी 2024 को प्रभु रामचंद्र जी का मंदिर की प्रतिष्ठा होने जा रही है, प्रभु राम अपनी जन्मभूमि में स्थायी रूप से प्रतिष्टित होने जा रहे हैं इसके लिए केवल राम भक्त ही नहीं पूरे देशवासी गर्व मौहसुस कर रहे है ।लेकिन दुःख की बात यह है कि कुछ अभागे इसके लिए खुशी नहीं है, संतुष्ट नहीं है,प्रलाप बक रहे है, विरोध कर रहे है।उन सभी से मेरा अनुरोध है कि राम किसी जाति,धर्म और पार्टी का नहीं है, राम मर्यादा पुरुषोत्तम है, सबका भगवान है।इसलिए राम और राम मंदिर लेकर कोई राजनीति न करे।रामलाला और राम मंदिर प्रतिष्ठा में सब लोग खुशी मनाएं और 22 जनवरी को घर घर में दीवाली मनाएं।
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