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सूचना अधिकार अधिनियम के तहत शैलेन्द्र मैथी ने नियोजनालय के माध्यम से की गई मजदूरों की नियुक्ति संबंधित मांगी जानकारी, Under the Right to Information Act, Shailendra Maithi sought information regarding the appointment of laborers through the employment office,


जमशेदपुर। झारखंड श्रमिक संघ के केन्द्रीय संयुक्त महासचिव सह कोलयरी मजदूर यूनियन झारखंड के केंद्रीय सचिव शैलेन्द्र कुमार मैथी ने राज्य के संगठित एवम असंगठित मजदूरों का नियोजनालयों के माध्यम से कितनी नियुक्तियां हुई है, उसके बारे मे सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी है। श्री मैथी ने उक्त सूचना की जानकारी, निर्देशक नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग सह जन सूचना पदाधिकारी झारखण्ड सरकार, नेपाल हाऊस डोरंडा, रांची से मांग की है। 




श्री मैथी ने बताया कि मेरे द्वारा झारखण्ड में विभिन्न नियोजनालयों के माध्यम से विभिन औद्योगिक प्रतिष्ठानों, दुकान प्रतिष्ठानों एवं शैक्षिक प्रतिष्ठानों में संगठित एवं असंगठित मजदूरों का नियोजनालय के माध्यम से कितनी नियुक्ति की गई है ? इसकी जानकारी सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत उपलब्ध कराने हेतु आवेदन दिया गया था। जिसका 24 जिलों से नियोजन पदाधिकारी सह सूचना अधिकारी द्वारा हमें सूचना उपलब्ध कराई गई थी जो अधूरा जानकारी दिया गया। श्री मैथी ने संबंधित नियोजन पदाधिकारियों पर आराेप लगाते हुए उन्हें कहा कि आप हमें अपने पोर्टल की जानकारी हमारे साथ साझा नहीं करना चाहते हैं और बेरोजगार कामगारों के साथ छल प्रपंच कर रहे हैं। 


साथ ही आपके द्वारा दिए गए ज़वाब के आलोक में 31/07/2023 के पत्रांक में बिंदु संख्या 1 और 2 में जो अनुपालन की बात कही गई है। वह नहीं हो रहा है और नियोजको, प्रतिष्ठानों का निबंधन ऑनलाइन के माध्यम से किया जा रहा है। उसके जाँच करने की प्रक्रिया का जिक्र भी नहीं किया गया है। यदि कोई नियोजक ऑनलाइन पर अपनी रिक्त पदों को प्रतिवेदन नहीं करता है और चोरी छुपे अपने स्तर पर बहाली कर लेता है तो किस प्रकार आप उसे पकड़ सकते है ? इसका भी स्पष्टीकरण आपने नहीं दिया है। क्या आपने ऐसी विसंगीतियों को कभी उजागर किया है और अगर किया है तो उसकी जानकारी स्थानीय समाचार पत्र को नही दिया गया है, ताकि जन साधारण को इस बारे में जानकारी हो सके। 


इसका भी जिक्र एवं जवाब नहीं दिया गया है। श्री मैथी ने बताया कि हमें सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक NAPS/FTC/ITI/SNTI द्वारा पता चला है कि विभिन्न कंपनियों के अधीन में ट्रेनिंग के रूप में नियोजन किया जाता है और उनको स्थायी प्रकार के कामो में नियोजन किया जा रहा है और उत्पादन की प्रक्रिया उन्हीं मजदूर लोगों के कंधो पर डाला जाता है, लेकिन उसके एवज में उनको वेतन का भुगतान भी उस अनुपात में नहीं किया जाता है। साथ ही साथ उपरोक्त ट्रेनिंग की प्रक्रिया केंद्र सरकार द्वारा निर्देशित है जिसे राज्य सरकार से अनुमोदन लेकर इसको चलाया जा रहा है जिसका अनुमोदन राज्य सरकार से लिया गया है, अभी हाल ही में TRF और TATA Commins में लगभग 1800 कामगारों को ट्रेनिंग के तहत बहाल किया गया है। 


क्या विभाग द्वारा इसका संज्ञान लिया गया है और अगर लिया गया है तो क्या कार्यवाही की गई है। इस बारे में सही सही जानकारी नहीं दी गई, बल्कि टाल मटोल जानकारी दी गई है। अतः उपरोक्त बिन्दुओं पर श्रम नियोजन से जुड़ी तथ्यों पर कार्यवाही करते हुए श्रमिक संगठन को 15 दिनों के भीतर जबाब देना सुनिश्चित करने की बात कही है, ताकि श्रमिक संगठन को आंदोलन हेतु बाध्य ना होना पड़े। श्री मैथी ने जमशेदपुर नियोजनालय से भी विभिन कंपनियों एवं दुकान प्रतिष्ठानों, स्वास्थ, शिक्षा एवं अन्य संस्थानों मे बीते वर्ष 19 दिसंबर से आज तक के नियुक्तियों के सम्बन्ध में जानकारी मांगी है। 


उसका बिंदुवाद जवाब 10/08/2023 एवं 21/07/2023 को निबंधित पत्रांक द्वारा आधा अधूरा एवम टाल मटोल रूप से जानकारी दिया गया है जिसमे बिंदु 1 से 4 में जो प्रतिवेदित किया गया है उसका स्पष्टीकरण दिया गया है जो झारखण्ड नियोजन पोर्टल पर देखने को निर्देशित किया है जोकि संभव नहीं है, क्योंकि गरीब बेरोजगार कामगारों के बारे मे जो नियोजन पदाधिकारी द्वारा उपरोक्त संस्थानों में नियुक्ति का विवरण की सूचना दी गई, जिससे यह स्पस्ट है की इन नियोजनालयों द्वारा किसी भी कर्मचारी का नियोजन नहीं किया गया। मात्र नियोजनालय के पदाधिकारी कुर्सियां तोड़ते रहे। 


उपरोक्त सारी जानकारी मेरे द्वारा समय समय पर निर्देशक, सचिव और अन्य सरकारी विभागों को दी गई, लकिन उनके द्वारा किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई और कर्मचारियों की नियोजन प्रक्रिया में किसी तरह का सुधार नहीं लाया गया, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश की स्थिति बनी हुई है। आखिर नियोजनालय का सरकारी स्तर पर निष्क्रियता सरकार की निष्क्रियता को प्रदर्शित करता है, जोकी सरकार की छवि को धूमिल कर रहा है। अतः यह बताने की कृपा किया जाय कि सरकार इस दिशा में नियोजनालयों में सुधार हेतु और कर्मचारियों के नियोजन संख्या में सुधार हेतु क्या कर रही है ?  इस संबंध मे श्री मैथी ने सूचना अधिकार के तहत समय सीमा के अन्तर्गत इसकी जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है , ताकि विवश हो कर अपीलीय पदाधिकारी के समक्ष सूचना अधिकार अधिनियम के तहत अपील करने की नौबत ना आये। उक्त जानकारी सही सही बिंदुवार देने के लिए श्री मैथी ने 2जनवरी 2024को दुबारा लिखित रूप से मांग की है।

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