गुवा। सारंडा के गावों में एक दंतैल हाथी का उत्पात लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। उक्त हाथी ने बीती रात सारंडा के कलैता गांव निवासी साबन कंडायबुरु एवं पाईकरा चातर का घर पूरी तरह से तोड़कर सारा आनाज खा गया, समानों को भारी नुकसान पहुंचाया, जबकि रमेश हेम्ब्रम का घर को हल्का नुकसान पहुंचाया। घटना की सूचना मिलते हीं सारंडा के डीएफओ अभिरुप सिन्हा ने वन विभाग की टीम को कलैता गांव रात में रवाना किया। सभी के प्रयास से हाथी को गांव क्षेत्र से हटाया गया।
ग्रामीण रात भर जागकर भय व आतंक के साये में रहने को मजबूर हुये। सबसे पहले यह हाथी जंगल से निकलकर शाम छः बजे पाईकरा चातर के घर बागान को तोड़ते हुये पहुंचा। यहा इनके घर को तोड़ घर के अंदर रखे तीन बोरा चावल (लगभग 75 किलो), सब्जियां, बना हुआ खाना खाया और बर्तन आदि की तोड़ दिया। किसी तरह से पाईकरा, पत्नी सुमती चातर अपने बच्चों के साथ जान बचाकर भागने में सफल रही। इसके बाद हाथी साबन कंडायबुरु के घर पहुंचा। वहां साबन की पत्नी मांगी कंडायबुरु घर में अकेली थी। हाथी पीछे से आकर घर को तोड़ चार पैकेट चावल (लगभग 100 किलो), 25 किलो गेहूं खा गया। घर में बेटी की शादी हेतु लाया गया स्टील का अलमीरा, बक्सा आदि समानों को पुरी तरह से तोड़ दिया।
बेटी की शादी के लिये प्रिंट कराकर लाया गया निमंत्रण कार्ड को भी नुकसान पहुंचाया। 19 अप्रैल को शादी होना था। मांगी कंडायबुरु ने बताया की उसे हाथी मारने हेतु दौडा़या, लेकिन वह किसी तरह भागकर जान बचाई। वन विभाग हाथी से हुये नुकसान हेतु मुआवजा देकर राहत दे। ग्रामीणों ने बताया की यह हाथी आग, पटाखा आदि से भी भागता नहीं है। भगाने पर दौडा़ देता है। हाथी के दौडा़ने की वजह से सारदा जोजो, बुधुवा पुरती समेत दर्जन भर महिला व पुरुष आंशिक रुप से घायल हुये हैं। ग्रामीणों ने आज सुबह बैठक कर जब तक हाथी यहां से भाग नहीं जाता, तब तक गांव वालों को जंगल जाने से मना किया गया है। हाथी मर्चीगडा़ गांव क्षेत्र के जंगल में है। आज सभी ग्रामीण वन विभाग के साथ मिलकर पुनः भगाने का कार्य करेंगे।
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