जमशेदपुर। झारखंड कोयलांचल मजदूर यूनियन के केन्द्रीय महासचिव शैलेन्द्र मैथी ने वन विभाग के उदासीन रवैया से काफी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से आए दिन गरीब लोगों का जंगली हाथी द्वारा रौंदकर मार दिया जा रहा है। घटना घटने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी पीड़ित व्यक्तियों के साथ अनदेखी करते हैं। उन्होंने आज ही एक घटित घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सरायकेला अंतर्गत डुमरा गांव के रहने वाले सुकराम मुंडा उम्र 70 वर्ष को जंगली हाथी द्वारा मारने से उनकी कमर की हड्डी टूट गई है। श्री मुंडा किसी तरह अपनी जान बचाने में कामयाब रहे।
पीड़ित व्यक्ति के पत्नी एवम पुत्र जितेन मुंडा ने उन्हें ईलाज कराने के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया है, लेकिन इस दौरान वन विभाग के कोइ भी अधिकारी जख्मी व्यक्ति का सुध तक नहीं लिया है। उक्त जख्मी व्यक्ति एमजीएम अस्पताल में रविवार के दिन कई घंटों तक जमीन में ही पड़ा रहा, लेकिन न तो उसे समय पर ईलाज शुरू किया गया और न ही बेड उपलब्ध कराया गया। बाद में इस बात की जानकारी मजदूर नेता शैलेन्द्र मैथी को मिलने पर उन्होंने अस्पताल पहुंचकर मरीज के वर्तमान बस्तु स्थिति से अवगत हुए और डॉक्टर से मिलकर ईलाज शुरू कराया।
इस दौरान उन्होंने एमजीएम अस्पताल के लचर व्यवस्था से भी काफी नाराज दिखे। जख्मी व्यक्ति का ईलाज ठीक ढंग से हो , इसके लिए उन्होंने अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट एवम वन विभाग के अधिकारियों से भी बात की है। उन्होंने कहा कि जंगली हाथी के आतंक से ग्रामीणों में भारी भय है। रात में जंगली हाथी और क्या उत्पात मचाये वह कहा नहीं जा सकता है। पिछले दस दिनों से यह हाथी सारंडा के किरीबुरु व छोटानागरा थाना क्षेत्र के शहरों वा गांवों में भी घुसकर प्रतिदिन उत्पात मचा रहा है, दर्जनों लोगों का घर तोड़ दिया है, हाथी के दौड़ाने से करमपदा के एक ग्रामीण की मौत हो भी चुकी है। वन विभाग इस हाथी को भी भगा पाने में अब तक नाकाम साबित हुई है।
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