Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template

क्षेत्र की सुख-शांति व समृद्धि के लिए कोटसोना गांव में मागे पर्व का हुआ आयोजन, मादल व नगाड़ा की थाप पर जमकर झूमे ग्रामीण, For the happiness, peace and prosperity of the area, Mage festival was organized in Kotsona village, villagers danced to the beats of Madal and Nagara.


चक्रधरपुर। क्षेत्र की सुख-शांति और समृद्धि के लिए रविवार को चक्रधरपुर प्रखंड के होयोहातु पंचायत के कोटसोना गांव में मागे पर्व का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पीपुल्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव सह समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई व ग्रामीण मुंडा कैरा हेंब्रम मौजूद थे। सर्वप्रथम गांव के जाहिरा स्थल में देउरी तुरी हेंब्रम द्वारा विधिवत पूजा अर्चना किया गया। जिसके बाद समाजसेवी श्री गागराई ने मुंडा, देउरी व ग्रामीणों के बीच नए वस्त्र का वितरण किया।


तत्पश्चात गांव के अखाड़ा में मादर व नगाड़ा बजाते हुए सामूहिक नृत्य का आयोजन हुआ। सामूहिक नृत्य में नगाड़ा बजाते हुए श्री गागराई ग्रामीणों को जमकर झुमाया। इस दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए समाजसेवी श्री गागराई ने कहा कि मागे पर्व झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के हो, मुंडा और भूमिज आदिवासी समुदाय का एक पारंपरिक पर्व है। यह त्यौहार माघ महीने की शुरुआत यानी जनवरी-फरवरी में मनाया जाता है, जो आदि धर्म व संस्कृति एंव मानव उत्पत्ति यानी सृष्टि रचना पर्व है।


त्योहार के उत्सव के लिए कोई निश्चित तिथि निर्धारित नहीं की जाती है, क्योंकि विभिन्न गांव में अलग-अलग तिथियों पर त्योहार मनाते हैं। "मागे" शब्द का अर्थ माता होता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आदिवासी बहुत क्षेत्र में पर्व का आयोजन होना चाहिए. ताकि आदिवासी परंपरा अनंत काल तक जीवित रह सके। मौके पर रामेश्वर हेंब्रम, गोंडा हेंब्रम, पोंडे लोहार, राम सामड, लांडु सामड, सोगा हेंब्रम, सोमा हेंब्रम, पाकु हेंब्रम, तुराम हेंब्रम, कान्हुराम लोहार समेत अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template