गुवा। जिला में विभिन्न प्रखंडों में चल रहे सामाजिक जागरूकता कार्यकक्रम के दौरान आदिवासी हो समाज युवा महासभा,नेशनल आदिवासी रिवाईवल एसोशिएसन तथा सिंगी एण्ड सिंगी सोसाईटी के टीम को कई जनसमस्याएँ सुनना पड़ा। ग्रामीण इतना तक कह डाले चाहे झामुमो-आजसू,भाजपा-काँग्रेस या अन्य राजनीतिक दल के नेतागण सिर्फ चुनाव के समय ही आते हैं। उस समय कोई योजना अथवा समस्या लिखकर जाते हैं, बाद में चाईबासा,राँची,दिल्ली में ही नेताओं की जिंदगी गुजरती है। सारंडा के ग्रामीणों का हाल को सुधारने के लिए न अधिकारी,न नेता न सरकार है।
नुक्कड़ सभा को नेतृत्व कर रहे आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने जगह-जगह पर ग्रामीणों की नाराजगी को दूर करने का प्रयास करते हुए कि कहा कि हम विधानसभा, लोकसभा और पंचायत चुनाओं में नेताओं से हड़ियाँ-चावल,दारू-मुर्गा न माँगें,उस स्थान पर स्कूल-कॉलेज,अस्पताल,रोजगार और गाँव-समाज की विकास के लिए फंड की माँग करें। ऐसी कमजोरी के कारण हम सब अँधेरे में खड़े हैं। गब्बरसिंह ने ग्रामीणों को बताया कि आपका जागरूकता और एकरूपता सबसे बड़ा हथियार है,जिससे नेताओं,अफसरों और सरकार को सावधान कर आईना दिखा सकते हैं एवं फंड की उपलब्धता व योजना की स्वीकृति के लिए बाध्य करा सकते हैं।
इधर नंदपुर,मनोहरपुर पूर्वी,लाईलोर और मकरांडा पंचायत में नुक्कड़ सभा की टीम ने ग्राम सभा, पंचायत कार्रकारिणी,अभिलेख संधारण,योजना सूची, स्वीकृति पत्र की निगरानी के मामले में ग्रामीण और शिक्षित नवजवान आगे के आने के लिए जागरूक किया। इस अवसर पर आदिवासी हो समाज युवा महासभा टीम से अर्जुन हेम्ब्रम, तरूण लामाय, बलराम सुरीन, अविनाश बाडिंग, सिकंदर हेम्ब्रम, संदीप गुड़िया, समीर गुड़िया,लक्ष्मण तिरिया, सुनील चाम्पिया, पुतकर हेम्ब्रम, सुशांत हेम्ब्रम, रासिका हेम्ब्रम, सुबदिया हेम्ब्रम के अलावे नारा एवं आस के प्रतिनिधि थे।
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