गुवा। किरीबुरु-मेघाहातुबुरु क्षेत्र की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले दर्जनों गरीब व अनाथ नाबालिक बच्चों का बर्बाद होती भविष्य समाज के लिये बडी़ चिंता का कारण बनते जा रही है। ऐसे बच्चे पूरी तरह से स्कूल से दूर अर्थात शिक्षा से वंचित हैं। यह अभिभावकों की निगरानी के अभाव में डेंडराईट, गांजा जैसी नशाखोरी के दलदल में फंसते के साथ-साथ छोटे स्तर की चोरी जैसे अपराध की ओर भी अग्रसर हैं। यह सबसे बड़ी चिंता का कारण व गंभीर विषय है। इसे राजनीतिक चश्मे से देखने के बजाय सरकारी व सामाजिक प्रयास होना चाहिये।
ऐसे दर्जनों गरीब बच्चे प्रतिदिन शहर की गलियों व सड़क पर घूम-घूमकर प्लास्टिक, शराब की खाली बोतलें, स्क्रैप आदि चुनते हैं। इन सामान को बेच प्राप्त पैसों से वह डेंडराईट, गांजा आदि खरीद नशा का सेवन करते हैं। इनमें से कुछ मासूम व छोटे बच्चे लोगों से पैसा के रुप में भीख मांगते दिखते हैं, कुछ बच्चे मध्य रात्रि अपने घरों से निकलकर शहर में छोटे स्तर की चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में कभी इन बच्चों के साथ अनहोनी घटना भी घट सकती है। कहने को तो आज का बच्चा कल का नागरिक और भविष्य का निर्माता है।
फिर बच्चों को उनके अधिकारों से क्यों वंचित रखा जा रहा है ! क्यों न उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने का साधन प्रदान किया जा रहा है ! क्यों नहीं उनके संरक्षण की समस्याओं को सुलझाया जा रहा है ! स्कूल से ड्रौप आउट व शिक्षा से वांचित ऐसे गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु एस्पायर जैसी संस्था निरंतर कार्य कर रही है। वह शहर में घूम घूमकर ऐसे बच्चों को अपने आरबीसी एवं एनआरबीसी स्कूल में पढ़ने हेतु ले जाती है, लेकिन वहाँ अनुशासन व कडी़ घेरा में स्वंय को स्वतंत्र नहीं पाकर ऐसे बच्चे आवासीय स्कूल से भागकर पुनः गलत कार्यों में लग जा रहे हैं। ऐसे बच्चों के अभिभावक भी लापरवाह बनकर अपने बच्चों को गलत रास्ते पर भेज उनका भविष्य स्वंय बर्बाद कर रहे हैं। किरीबुरु पश्चिम की मुखिया पार्वती किडो़ ने कहा कि यह वास्तव में हम सभी के लिये गंभीर समस्या हैं। इस समस्या का सामना हम सभी प्रतिदिन कर रहे हैं।
अनेक शिकायतें आते रहती है, लेकिन जब तक ऐसे बच्चों के अभिभावक व समाज के सभी वर्ग के लोगों का सहयोग नहीं मिलेगा तब तक इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। हम लोग स्पायर संस्था के साथ मिलकर काफी काम किये। हमारा पंचायत में एक भी बच्चा ऐसा नहीं था जिसे स्कूल से नहीं जोडा़ गया था। लेकिन अब पुनः अनेक बच्चे स्कूल जाना छोड़ दिये, एस्पायर की आरबीसी केन्द्र से भागकर गलत गतिविधियां में लग गये हैं। ऐसे बच्चों के खिलाफ फिर नये सीरे से कार्यवाही प्रारम्भ कर शिक्षा से जोड़ने वा गलत गतिविधियों से दूर रखने का प्रयास किया जायेगा।
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