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दंतैल हाथी ने तीन ग्रामीणों का घरों को तोड़ा, Tusk elephant broke houses of three villagers

 


गुवा। सारंडा जंगल के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जंगली दंतैल हाथी का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। झारखण्ड व ओडिशा वन विभाग की टीम हाथी भगाने का आपरेशन चला रही है। इसके बावजूद यह हाथी आबादी वाले क्षेत्र से घने व सुरक्षित वन क्षेत्र की ओर नहीं भाग पा रहा है। 20 फरवरी की अहले सुबह लगभग तीन बजे एक बार फिर यह दंतैल हाथी कलैता गांव में घुसकर उत्पात मचाते हुये फुलो बिरुली एवं रमेश हेम्ब्रम का घर तोड़ दिया। इसके अलावे पास के मिर्चीगड़ा टोला निवासी पाईकरा चातर के घर को भारी नुकसान पहुंचाया। 


ग्रामीणों के काफी प्रयास के बाद हाथी गांव से जंगल की ओर भागा। यह हाथी कलैता गांव के पास ही तालाब निर्माण वाले स्थल क्षेत्र के जंगल में छुपा है जिसे ग्रामीण भगाने जा रहे हैं। इस हाथी के भय से किरीबुरु-मेघाहातुबुरु, हिल्टौप, कलैता, मिर्चीगडा़ व आसपास गांवों के ग्रामीण रात भर जागने व भय का माहौल में रहने को मजबूर हैं। यह दंतैल हाथी 19 फरवरी की देर शाम किरीबुरु के मुर्गापाड़ा स्थित सीआरपीएफ कैम्प से महज कुछ मीटर की दूरी पर था। हाथी के किरीबुरु शहर में घुसने का प्रयास की खबर के बाद किरीबुरु एवं ओडिशा के बड़बिल की वन विभाग की टीम ने संयुक्त कार्यवाही करते हुये देर रात तक हाथी को भगाने की कोशिश किया। 


तब यह हाथी रात्रि लगभग दो बजे कलैता की तरफ भागा। लेकिन कलैता व मिर्चीगडा़ में जाकर उक्त दो लोगों का घर तोड़ दिया। इस हाथी की आदत लोगों के घरों में रखे अनाज खाने की हो गई है। यहीं वजह है कि वह शहर व गांवों के लोगों के घरों को निरंतर अपना निशाना बना रहा है।

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