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व्यवहार न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया , 12681पेंडिंग केस का हुआ निष्पादन और 44,59,53,718 रूपये की राजस्व प्राप्ति हुई, National Lok Adalat was organized in Vyavar Nyayalaya, 12681 pending cases were executed and revenue of Rs 44,59,53,718 was received.


जमशेदपुर। व्यवहार न्यायालय जमशेदपुर के लोक अदालत हॉल में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें कुल 12681 पेंडिंग केसों का निष्पादन हुआ। वहीं इस नेशनल लोक अदालत में 44 करोड़, 59 लाख 53 हजार, सात सौ अठारह रूपये की राजस्व प्राप्ति भी हुई। राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन वहां मौजूद अतिथियों द्वारा विधिवत रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा, विशिष्ठ अतिथियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अमितेश लाल, स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल, जिला बार संघ एडहॉक कमेटी के मेम्बर सह वरीय अधिवक्ता जय प्रकाश जी तथा डालसा के सचिव नितीश निलेश सांगा समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।





मौके पर प्रधान जिला जज अनिल कुमार मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में लोक अदालत का बहुत बड़ा महत्व है। लोक अदालत के माध्यम से आप पैसा और समय दोनों बचा सकते हैं। साथ ही यहां मामले का त्वरित समाधान भी होता है। वहीं स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि लोक अदालत में समझौता द्वारा मामले का निष्पादन किया जाता है।


लोक अदालत खासकर गरीबों के लिए न्याय पाने का एक बेहतर मंच हैं। उन्होंने कहा कि नालसा, झालसा और डालसा समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाने में काफी मददगार साबित हुई है। नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक मामले का समाधान के लिए व्यवहार न्यायालय में कुल 14 बेंचो का गठन किया गया था। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव नीतीश निलेश सांगा ने बताया कि सुलह योग्य सभी प्रकृति के मामलों का नेशनल लोक अदालत में निपटारा किया गया।




जिसमें मुख्य रूप से वन अधिनियम, बिजली अधिनियम, मापतौल अधिनियम, उत्पाद अधिनियम, बैंक ऋण, चेक बाउंस, श्रम अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, मोटरयान दुर्घटना मुआवजा, भूमि अधिग्रहण से संबंधित वाद, खान अधिनियम, पारिवारिक वाद, सुलह योग्य आपराधिक और दीवानी मामले आदि के केस शामिल है। नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने में न्यायालय कर्मी सहित पैनल लॉयर्स एवं पीएलवी की सार्थक भूमिका रही।



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