चांडिल । नीमडीह प्रखंड अंतर्गत होदागोड़ा गांव में सार्वजनिक सरस्वती पूजा कमेटी द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा प्रवचन के छठे दिन रविवार को भक्तों की भीड़ उमड़ी। प्रवचनकर्ता श्रीधाम वृन्दावन निवासी श्री अयोध्या दास जी महाराज द्वारा भगवान श्री कृष्ण के लीला की वर्णन करते हुए कहा कि संसार अविनश्वर है और जीव नश्वर है। जीव को मोक्ष प्राप्त करने के लिए भक्ति में लीन रहते समाज में रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वसुदेवनन्दन श्रीकृष्ण वास्तव में महान है।
वे सम्पूर्ण देवताओं के भी देवता हैं। कमलनयन श्रीकृष्ण से बढ़कर दूसरा कोई नहीं है। मार्कण्डेय जी भगवान गोविन्द के विषय में अत्यन्त सत्य बातें कहते है। वे भगवान ही सर्वभूतमय है और वे ही सबके आत्मस्वरूप महात्मा पुरुषोत्तम है। सृष्टि आरम्भ में इन्हीं परमात्मा ने जल, वायु और तेज इन तीन भूतों तथा सम्पूर्ण प्राणियों की सृष्टि की थी। सम्पूर्ण लोकों के ईश्वर इन भगवान श्री हरि ने पृथ्वी देवी की सृष्टि करके जल में शयन किया। वे महात्मा पुरुषोत्त सर्वतेजोमय देवता योग शक्ति से उस जल में सोयें।
उन अच्युत ने अपने मुख से अग्नि की, प्राण से वायु की तथा मन से सरस्वती देवी और वेदों की रचना की। इन्होंने ने ही सर्ग के आरम्भ में सम्पूर्ण लोकों तथा ऋषियों सहित देवताओं की रचना की थी। ये ही प्रलय के अधिष्ठान और मृत्युस्वरूप है। प्रजा की उत्पत्ति और विनाश इन्हीं से होते हैं। ये धर्मश, वरदाता, सम्पूर्ण कामनाओं को देने वाले तथा धर्मस्वरूप है। ये ही कर्ता, कार्य, आदिदेव तथा स्वयं सर्व-समर्थ है। भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों कालो की सृष्टि भी पूर्वकाल में इन्हीं के द्वारा हुई हैं। इन जनार्दन ने ही दोनों संध्याओं, दस दिशाओं, आकाश तथा नियमों की रचना की हैं। महात्मा अविनाशी प्रभु गोविन्द ने ही ऋषियों तथा तपस्या की रचना की है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने श्रीकृष्ण की भक्ति रस का पान किया।
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