गुवा। महाशिवरात्रि पर्व क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में हर्षोल्लास के साथ शिव भक्तों ने की पूजा अर्चना। छोटानागरा के शिव मंदिर, गुवा के कुसुम घाट स्थित शिव मंदिर, योग नगर स्थित शिव मंदिर तथा स्टेशन कॉलोनी स्थित बाबा लोकेश्वर मंदिरों में पूजा करने के लिये लोगों की लंबी कतार लगी थी। शिवालयों में शिवभक्तों ने उपवास रख भगवान शिव पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, नारियल, अबीर, गुलाल, बेर, चढ़ा कर उनकी की पूजा की।
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव से जुड़ीं कुछ मान्यताएं प्रचलित हैं। माना जाता है कि ब्रह्मा के रुद्र रूप में मध्यरात्रि को भगवान शंकर का अवतरण हुआ था। इसी दिन भगवान शिव ने तांडव नृत्य कर अपनी तीसरी नेत्र खोली थी और ब्रह्माण्ड को अपनी नेत्र के ज्वाला से समाप्त किया था। कई स्थानों पर इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का आयोजन होगा।
शिवपुराण के अनुसार भगवान शंकर छह मास कैलाश पर्वत पर तपस्या में लीन रहते है। उनके साथ ही सभी कीड़े-मकौड़े भी अपने बिलों में बंद हो जाते हैं। छह माह के बाद कैलाश पर्वत से उतरकर भगवान श्मशान घाट में निवास किया करते हैं। भगवान शिव का धरती पर अवतरण फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हुआ था। शिवभक्त इस दिन को ‘महाशिवरात्रि’ के रूप मे मानते है।
वहीं आज देर शाम को गुवा के योग नगर स्थित शिव मंदिर से शिवाजी की बारात निकलेगी। और यह बारात गुवा बाजार स्थित कुसुम घाट के समीप शिव पार्वती मंदिर में पुरे विधि विधान से विवाह कराया जाएगा।
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