चांडिल। सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के नहर प्रमंडल चांडिल में अनुरेखक पद पर कार्यरत भरत सिंह का विदाई समारोह सोमवार को नहर प्रमंडल कार्यालय गांगुडीह में आयोजित किया गया। भरत सिंह 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए। समारोह में नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता कुमार अरविंद, सहायक अभियंता विजय ज्याकिम तिर्की, सहायक अभियंता प्रकाश प्रसाद, सहायक अभियंता मनीष टुडू, सहायक अभियंता नितेश कुमार, प्रधान लिपिक कर्ण मंडल, लिपिक दीनेश माझी, गोपाल सोरन, सतु माझी, खेतुराम सिंह आदि ने भरत सिंह को माला पहनाकर, शॉल ओढ़ाकर, श्रीमद् भगवद्गीता पुस्तक समेत अन्य उपहार देकर सम्मानित किया गया।
समारोह को संबोधित करते हुए कार्यपालक अभियंता कुमार अरविंद ने कहा कि भरत जी सेवाकाल पर भी एक्यूप्रेशर, योग व प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा सामाजिक कार्य में व्यस्त रहते थे और सेवानिवृत्त होकर भी सामाजिक सेवा में समर्पित रहेंगे। इनसे अन्य लोगों को सामाजिक कार्य के प्रति प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। उपस्थित सभी पदाधिकारी व कर्मचारियों ने भरत सिंह के दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन के लिए शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल सम्मानित एक्यूप्रेशर व योग प्रशिक्षक के रूप ख्यातिप्राप्त : भरत सिंह बहुमुखी प्रतिभा के धनी है। सरकारी कर्मचारी रहने के बाद भी समाजसेवा के लिए सदैव तत्पर रहते थे और अब भी है। प्रतिदिन सेवाकाल के पूर्व प्रात: एवं बाद में संध्या के समय चांडिल अनुमंडल के साथ साथ जमशेदपुर, रांची आदि क्षेत्र के रोगियों को एक्यूप्रेशर, योग व प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से निरोगी बनाने का कार्य करते थे। इस सेवा कार्य हेतु 2007 में झारखंड के राज्यपाल द्वारा भरत सिंह को सम्मानित किया गया।
इसके साथ प्रतिवर्ष गर्मी छुट्टी एवं झारखंड के सांस्कृतिक महोत्सव करम पर्व के समय चांडिल डैम के नीचे प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित शीश महल में दस दिवसीय योग, एक्यूप्रेशर एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रशिक्षण का निशुल्क आवासीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन करते हैं। भरत सिंह कहते हैं कि दर्द से कष्ट पाने वाले व्यक्ति को दर्द मुक्त करने से आत्मिक शांति मिलती है।
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