श्रीमती शिप्रा मिश्रा राष्ट्रपति अवार्ड विजेता शिक्षिका इस प्रतियोगिता में जज थी बहुत अच्छा अनुभव हुआ। एक ऐसी हस्ती को अपने बीच मौजूद पाकर उन्होंने भावी पीढ़ी को संबोधित करते हुए सबके उज्जवल भविष्य की कामना की। उनसे बहुत सारी चीज़ें सीखने को मिली। शिप्रा मिश्रा टाटा वकर्स यूनियन हाई स्कूल की शिक्षिका हैं। उन्होनें सभी छात्राओं से वार्तालाप किया। उन्होंने मॉडल बनाने को लेकर अच्छी जानकारी दी। एक शिक्षक समाज निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसका सही उदाहरण शिप्रा टीचर है।
उन्होनें बताया कि क्लासरूम में learning by doing कितना जरुरी है। टी.एल.एम प्रतियोगिता भी इसका अच्छा उदाहरण है। ऐसी प्रतियोगिताओं से बच्चों में उत्साह बढ़ता है। अतः यह एक प्रभावशाली प्रतियोगिता रही।सुमन, मीना, रोज़मेरी, शैलजा, परविंदर, असरीता, सुशांति, नूतन, राना, लक्ष्मीकांत, मणिमाला, उर्वशी, जाया, स्वाति, रोशनी, हर्षिता, आकांक्षा, रेणु, शगुफता, नेहा, देवी, नन्दिनी,सीमा ने भाग लिया।
महाविद्यालय के सभी शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन से बी एड छात्र- छात्राओं ने शिक्षण सहायक सामग्री का निर्माण बड़े ही आकर्षक रूप में किया। ज्यादातर छात्रों का वर्किंग मॉडल था। सभी प्राचार्य डॉक्टर जूही ने अपने - अपने शिक्षा शास्त्र के अनुरूप मॉडल का निर्माण किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन अंजली राना ने किया। प्राचार्य डॉक्टर जूही समर्पित ने शिप्रा मिश्रा के प्रेरणादायक उपस्थिति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा शिप्रा मिश्रा जैसी शिक्षिकाएं समाज के लिए आदर्श हैं सकारात्मक सोच के साथ परिवर्तन तथा सफलता निश्चित है। डीबीएमएस कॉलेज के प्रबंधन की तरफ से शिप्रा मिश्रा को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
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