चक्रधरपुर। पश्चिम सिंहभूम जिला के अति नक्सल प्रभावित एवं आदिवासी बहुल क्षेत्र टेबो में 6 महीना से पेयजल संकट हो गया है। गर्मी में लोग भटक रहे। बुधवार को ग्रामीणों की मांग पर समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई टेबो पहुंचे जहां खराब पड़े जलमिनार का निरीक्षण किया। इस अवसर पर ग्राम मुंडा मंगरा बोदरा ने बताया कि यह पहाड़ी क्षेत्र में गांव बसा होने के कारण लोगों को पेयजल के लिए काफी दिक्कतें होती है। यह जलमीनार करीब 6 महीना से खराब हो गया है। पेयजल स्वच्छता विभाग को इसकी जानकारी दी गई है। मगर अब तक इस जल मीनार का मरम्मत नहीं हो पाया है, जबकि यह क्षेत्र पूर्णता आदिवासी बहुल क्षेत्र है।
इस जल मीनार से सैकड़ो लोगों को लाभ प्रतिदिन मिलता था। यह जलमीनार बन जाने से लोगों को इस भीषण गर्मी में काफी सहूलियत होगी। लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। ग्रामीणों के समस्या सुनने के पश्चात डॉ विजय सिंह गागराई ने पीएचडी विभाग के एसडीओ से दूरभाष पर बातचीत कर तत्काल सोलर आधारित जलमीनार को मरम्मत करने की मांग की। श्री गागराई ने कहा कि अगर एक सप्ताह के अंदर यहां पेयजल सुविधा नहीं होती है तो यह ग्रामीणों के साथ मिलकर पेयजल के लिए उग्र आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा आदिवासी बहुल क्षेत्र में पेयजल नहीं मिलने से लोगों को चुआं का पानी पीना पड़ता है। जो कि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा टेबो गांव पहाड़ी क्षेत्र में बसा है। यहां पर सरकार करीब 500 फीट डीप बोरिंग करें। जिससे लोगों को सालों भर बेहतर ढंग से पानी मिल सके। इस मौके पर मुंडा मंगरा बोदरा, करम सिंह कांडिर, सूरया पुरती, नियारन बोदरा, मंदरू बोदरा, जुनुल बोदरा, शंकर पुरती, बबलु तांती, नेलशन पुरती, याकुब बोदरा समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।
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