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छऊ नृत्य झारखंड की पहचान है,इसे बचाये रखने की है जरूरत: डॉ विजय, Chhau dance is the identity of Jharkhand, there is a need to preserve it: Dr. Vijay

 


चक्रधरपुर। चक्रधरपुर प्रखंड अंतर्गत केनके पंचायत के सरजोमहातु गांव के मंदिर प्रांगण में दो दिवसीय छऊ नृत्य कार्यक्रम के समापन समारोह में मुख्य अतिथि समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई शामिल हुए। छऊ नृत्य में सरजोमहातु गांव के ऊपर टोला और नीचे टोला के छऊ कलाकारों द्वारा छऊ नृत्य कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।



कलाकारों ने गणेश बंदना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छऊ नृत्य में मां दुर्गा, शिव महिमा, गणेश ,कार्तिक महिषासुर वध ,लव कुश एवं कृषि पर तथा लोककथा पर आधारित छऊ नृत्य प्रस्तुत  किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि समाजसेवी डॉ विजय सिंह गागराई ने कहा कि छऊ नृत्य झारखंड की पहचान है। छउ नृत्य पौराणिक कथाओं पर आधारित नृत्य शैली होती है।


महिषासुर मर्दनी छऊ नृत्य में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि छऊ कलाकारों ने झारखंड की इस गौरवशाली परंपरा को बचाये रखा है। छऊ नृत्य के कलाकारों ने काफी मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया और लोगों की खुब तालियां बटोरीं। डॉ विजय सिंह गागराई को हो हुदा सरना दोरोम शिव मां पाऊड़ी कमेटी, सरजोमहातु द्वारा आदिवासी रीति रिवाज से सम्मानित किया गया।




श्री गागराई ने समिति को एवं कलाकारों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया। इस मौके पर अध्यक्ष  श्रीराम सामड,उपाध्यक्ष दामोदर हेम्ब्रम,सचिव सोंगा सामड, कोषाध्यक्ष सोमनाथ हेम्ब्रम,बिरसा हासदा, लक्ष्मण गागराई,लादु हेम्ब्रम, कृष्णा सामड, ब्रजमोहन हेम्ब्रम, धनेश्वर सामड,कुंजो गोप,सुनिया गोप,रामलाल सामड, कार्तिक गोप समेत काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।



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