Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template

अस्मिता और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए एक और उलगुलान करना होगा : सुखराम हेमब्रम, Another uprising will have to be made to protect identity and water, forest and land: Sukhram Hembram


 बिरसा मुंडा शहादत दिवस पर जल, जंगल, जमन बचाने का संकल्प सभा आयोजित 

चांडिल. बिरसा उलगुलान समिति चांडिल अनुमंडल द्वारा नीमडीह प्रखंड अंतर्गत टेंगा डीह पंचायत के मातकमडीह मोड़ में बिरसा मुंडा शहादत दिवस के अवसर पर जल, जंगल, जमन बचाने का संकल्प सभा आयोजित की गई। अतिथियों द्वारा धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देते हुए संकल्प सभा का शुभारंभ किया गया। 




उपस्थित देशभक्त नागरिकों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि झारखंड आंदोलनकारी सवच्छ चांडिल स्वस्थ्य चांडिल के संस्थापक सुखराम हेमब्रम ने कहा कि इतिहास बताता है 19वीं शताब्दी के अंत में अंग्रेज कुटिल नीति अपनाकर आदिवासियों को लगातार जल-जंगल-जमीन और उनके प्राकृतिक संसाधनों से बेदखल करने लगे। हालांकि आदिवासी विद्रोह करते थें, लेकिन संख्या बल में कम होने एवं आधुनिक अस्त्र की अनुपलब्धता के कारण उनके विद्रोह को कुछ ही दिनों में दबा दिया जाता था। यह सब देखकर बिरसा मुंडा विचलित हो गए, और अंततः 1895 में अंग्रेजों की लागू की गयी जमींदारी प्रथा और राजस्व-व्यवस्था के ख़िलाफ़ लड़ाई के साथ-साथ जल-जंगल-जमीन बचाने की लड़ाई छेड़ दी। यह मात्र विद्रोह नहीं था। 


यह आदिवासी अस्मिता, स्वायतत्ता और संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था। पिछले सभी विद्रोह से सीखते हुए, बिरसा मुंडा ने पहले सभी आदिवासियों को संगठित किया फिर छेड़ दिया अंग्रेजों के ख़िलाफ़ महाविद्रोह 'उलगुलान'। उन्होंने कहा कि आज भी हमारे अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जल, जंगल जमीन को लुटा जा रहा है। हम सभी आदिवासियों को एकजुट होकर अपने अस्मिता और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था काफी दयनीय है, सरकार को इस व्यवस्था को बदलना होगा, विद्यालय में शिक्षकों की कमी है। शिक्षा पर जोर देना होगा तब समाज प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। सभी सरकारी योजनाएं गांव तक नहीं पहुंच रही है। 


हमें वीर शहीद बाबा तिलका माझी, सिद्धू, कान्हू, फूलो, झानो, चाँद, भैरव, गंगा नारायण सिंह आदि देशभक्तों के बलिदान से संकल्प लेकर एक ओर उलगुलान करना होगा। पातकोम दिशोम माझी महाल पारगाना के सचिव श्यामल मारडी ने कहा कि हमारे आदिवासी समाज को अपना अधिकार समझना होगा और उस अधिकार के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाना होगा। 



सभा का अध्यक्षता सुरेंद्र नाथ सिंह, संचालक फनीभूषण सिंह ने किया। संकल्प सभा को पुष्पा सिंह, नीमडीह मुखिया संघ के अध्यक्ष वरुण कुमार सिंह, मुखिया सुभाष सिंह, डमन बास्के, सूर्य नारायण सिंह, भोलानाथ सिंह, श्यामल मारडी, देवेन माझी, अरुण सिंह, विश्वनाथ मंडल, लालमोहन गोराई, गुहीराम सिंह, भदरू सिंह मुंडा, कमल सिंह, कृष्ण दास महतो, हरेकृष्ण सिंह, जगत सिंह सरदार आदि ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर न्यू झारखंड संस्कृति कला मंच द्वारा बिरसा मुंडा के संघर्ष पर नाच प्रस्तुत किया गया।



No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template