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झामुमो प्रत्याशी की हार के लिए समीर मोहंती खुद और विधायक मगंल कालिंदी भी जिम्मेदार: पिंटू दत्ता , जिला उपाध्यक्ष झामुमो, Sameer Mohanty himself and MLA Magal Kalindi are also responsible for the defeat of JMM candidate: Pintu Dutta, District Vice President JMM.


 जमशेदपुर। मतगणना के दिन मंगलवार को चुनावी परिणाम जारी होने के बाद ही अपने प्रत्याशी की हार के लिए झामुमो में एक - दूसरे के खिलाफ जुबानी जंग शुरू हो चुकी है। जमशेदपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा सह इंडिया गठबंधन प्रत्याशी समीर कुमार मोहंती की करारा हार के लिए सिर्फ और सिर्फ समीर कुमार मोहंती और विधायक मंगल कालिंदी जिम्मेदार है। यह आरोप पूर्व जमशेदपुर- 04 के जिला पार्षद सह झामुमो के पूर्वी सिंहभूम जिला उपाध्यक्ष पिंटू दत्ता ने लगाया है। 




श्री दत्ता ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए बुधवार को कहा कि झामुमो की तरफ से बड़ी उम्मीद एवं विश्वास के साथ समीर कुमार मोहंती को टिकट देने का काम किया गया था और  झामुमो का पूरा संगठन भी बहुत ही जोश व उमंग से भरा हुआ था कि इस बार का चुनाव का परिणाम झामुमो एवं इंडिया गठबंधन के पक्ष में जाएगा। विधायक मंगल कालिंदी एवं समीर मोहंती अपने आप श्रेय लेने के लिए झामुमो का अच्छा खासा मजबूत संगठन एवं कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया। जबकि गांव देहात में झामुमो का अच्छा खासा संगठन बना हुआ था जिसे बनाने में जिला अध्यक्ष सह घाटशिला विधायक रामदास सोरेन कड़ी मेहनत की थी, लेकिन चंद लोगों ने अपने निजी स्वार्थ एवं श्रेय लेने के चक्कर में जीत का पूरा समीकरण बिगाड़कर रख दिया। 


इतना ही नहीं कई जिला परिषद जो झामुमो पार्टी से जुड़े हुए हैं उनसे भी संपर्क करना उचित नहीं समझा गया। मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन द्वारा बूथ कमेटी की बैठक भी की गई थी लेकिन  चुनाव में उस बूथ कमेटी को भी जिम्मेदारी नहीं दी गई। अगर जिला कमेटी एवं झामुमो के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया गया होता तो आज परिणाम ऐसा नहीं होता। संगठन द्वारा कई बैठको का आयोजन किया गया उसमें भी प्रत्याशी को, वहां आना और संगठन के लोगों के साथ विचार विमर्श करना उन्हें उचित नही लगा। 


आज पूरे झारखंड में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन एवं पूर्व मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी सह गांडेय की विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन साथ ही पार्टी के महासचिव सुप्रियो दा के नेतृत्व में एक अच्छा खासा रिजल्ट देखने को मिला है। लगता है आने वाले विधानसभा चुनाव में झामुमो को और अच्छी कामयाबी देखने को मिलेगी। लेकिन पूर्वी सिंहभूम के इस तरह के संगठन विहीन नेताओं एवं विधायकों को चिन्हित करने की जरूरत है अन्यथा पूर्वी सिंहभूम में आने वाले विधानसभा चुनाव में कई विधायकों को हार का सामना करना पड़ सकता है।



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