जमशेदपुर। भारत के प्रसिद्ध उद्यमी रत्न टाटा ने एक बार फिर दरियादिली दिखाते हुए बचा ली 115 कर्मचारियों की नौकरी, तभी तो इन्हे भारत रत्न देने की मांग उठती है। हुआ यूँ की टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज ने अपने 115 कर्मचारियों को टरमिनेट कर दिया था, लेकिन रत्न टाटा के हस्ताक्षेप से उनकी नौकरी बच गयी।
बता दें कि टर्मिनेट लेटर संस्थान ने 28 जून को अपने 115 कर्मचारियों को थमा दिया था, लेकिन रत्न टाटा के हस्ताक्षेप से उनकी नौकरी बच गयी। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सांइसेज (TISS) ने मुंबई, तुलजापुर, हैदराबाद और गुवाहाटी में 115 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की थी। इनमें 55 फैकल्टी मेंबर्स और 60 नॉन टीचिंग स्टाफ शामिल था।
28 जून को उन्हें नोटिस थमाकर बताया गया कि 30 जून, 2024 के बाद उनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन रतन टाटा की अगुवाई वाले टाटा एजुकेशन ट्रस्ट (TET) ने इंस्टीट्यूट को ग्रांट बढ़ाने का भरोसा दिया है। इसके बाद संस्थान ने कर्मचारियों का टर्मिनेशन वापस ले लिया है। यह पहला मौका नहीं है जब रतन टाटा ने कर्मचारियों के प्रति दरियादिली दिखाई है।
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