- शहर के बुद्धिजीवी एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी की कार्यशैली पर रखी बेवाक बात
Upgrade Jharkhand News । वर्ष 90-95 के दौर में जमशेदपुर की पहचान अपराध सिटी के रूप में होती थी। सरेआम गोलियां चलती थी। आम लोगों के साथ साथ व्यापारी कारोबारी में दहशत का माहौल था। यहां तक की लौहनगरी को ख्याति दिलाने वाली पूर्ववर्ती टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (अब टाटा स्टील) में भय व्याप्त हो गया था। कंपनी बंद करने की चर्चा होने लगी थी, अपराध पर अंकुश लगाने की बार बार मांग हो रही थी। साथ ही तत्कालीन बिहार सरकार (लालू यादव सरकार) की आलोचना हो रही थी। अपराध पर लगाम लगाने वाले अधिकारी के पदस्थापन की मांग हो रही थी।
वैसे लोग जो शाम होते ही घरों में दुबक जाते थे, वे घरों से निकलने लगे। पार्क में लोगों की चहल पहल बढ़ने लगी। धीरे धीरे जमशेदपुर अपराध नगण्य हो गया। वर्ष 90-95 के दौर में जमशेदपुर में क्राइम की रिपोर्टिंग करने वाले वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेश्वर ने डॉ अजय कुमार के बारे में अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ अजय का काम करने का तरीका अन्य आईपीएस से काफी अलग था। उन्होंने कहा कि जिस तरह आईपीएस रहते उन्होंने अपनी कार्यशैली से लोगों को राहत दिलाया, जमशेदपुर को अपराधमुक्त बनाया।
उसी तरह राजनीति में भी वे उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। राजनीति में सुचिता का होना नितांत जरूरी है। उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी की जनता से निर्भीक, निडर एवं ईमानदार प्रत्याशी को वोट देने की अपील की।
No comments:
Post a Comment