Jamshedpur (Nagendra) झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने कई डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री सचिवालय और स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज की है, आरोप है कि अस्पताल में कई कर्मचारी और चिकित्सक 20-25 साल से एक ही पद पर जमे हैं, जो तीन साल में तबादले की नीति का उल्लंघन है। झारखंड: राजधानी के सदर अस्पताल में स्थानांतरण नीति की खुलेआम अनदेखी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने कई डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री सचिवालय और स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज की है। आरोप है कि अस्पताल में कई कर्मचारी और चिकित्सक 20-25 साल से एक ही पद पर जमे हैं, जो तीन साल में तबादले की नीति का उल्लंघन है। साथ ही, आयुष्मान भारत योजना, स्टोर खरीद, टेंडर प्रक्रिया, और अवैध वसूली में अनियमितता के गंभीर इल्जाम भी लगे हैं।
ACB की शिकायत, जांच के आदेश-ACB अध्यक्ष मी करीम हुसैन ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर कहा कि सदर अस्पताल में कई कर्मचारी और डॉक्टर कर्तव्यहीनता, अनियमितता, और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। बावजूद इसके, उनका तबादला नहीं किया जा रहा। ACB ने इन कर्मचारियों के लंबे समय तक एक ही जगह जमे रहने को भ्रष्टाचार का कारण बताया।शिकायत के बाद स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. SP शर्मा ने एक दो सदस्यीय जांच समिति गठित की है। यह समिति 5 मई 2025 को अस्पताल पहुंचकर मामले की तफ्तीश शुरू करेगी और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी।
सिविल सर्जनों से मांगी गई सूची-स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिया है कि वे 5 साल या उससे अधिक समय से एक ही जिले में कार्यरत डॉक्टरों और कर्मचारियों की सूची तैयार करें। यह सूची 7 मई 2025 तक विभाग को सौंपनी होगी। इसके आधार पर जून 2025 से बड़े पैमाने पर तबादला प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। विभाग ने सदर अस्पताल के अलावा अन्य सरकारी अस्पतालों में भी स्थानांतरण नीति लागू करने की बात कही है।
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