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Bhopal. साहित्य,संस्कृति और साइंस को जोड़ने का अनूठा प्रयास, Unique effort to connect literature, culture and science


Upgrade Jharkhand News.  महाशिवरात्रि पर्व से यहां विक्रमोत्सव-2025 का आरंभ हो चुका है। जो सृष्टिकर्ता महादेव के महोत्सव से सृष्टि के आरंभ दिवस वर्ष प्रतिपदा 30 मार्च तक चलेगा। विक्रमोत्सव-2025 की विशेषता यह होगी कि इसमें पंचांग निर्माण से लेकर नाटक मंचन और ड्रोन शो जैसे अलग अलग विषयों पर प्रस्तुतियां होंगी। विक्रमोत्सव-2025 सम्राट विक्रमादित्य के युग, भारत उत्कर्ष, नवजागरण और भारत विद्या पर केंद्रित रहेगा। इसके अंतर्गत साहित्यिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही ज्योतिर्विज्ञान, विचार संगोष्ठियाँ, इतिहास और विज्ञान समागम, विक्रम व्यापार मेला, लोक एवं जनजातीय संस्कृति पर आधारित गतिविधियाँ संचालित होंगी। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ऐप के प्रवर्तन, हस्तशिल्प, पारंपरिक व्यंजन, वस्त्रोद्योग, हथकरघा उपकरणों की प्रदर्शनी के साथ क्षेत्रीय, पौराणिक फिल्मों के महोत्सव और श्रीकृष्ण पर केन्द्रित विशेष फिल्मों का प्रदर्शन और प्रस्तुतियाँ भी विक्रमोत्सव का हिस्सा रहेंगे। कार्यक्रम में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के साथ ही शोधपरक पुस्तकों, ग्रन्थों का लोकार्पण और विक्रम पंचांग का प्रकाशन भी होगा। 



सांस्कृतिक,सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को समाहित किए  यह विक्रमोत्सव अपने आप में अनूठा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के इस अनोखे और अद्भुत आयोजन में साहित्य,संस्कृति और साइंस को एक साथ लाने का अनूठा प्रयास किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव  की परिकल्पना है कि विक्रमोत्सव का आयोजन, सम्राट विक्रमादित्य के बहुआयामी व्यक्तित्व की गरिमा के अनुरूप हो। मुख्यमंत्री ने विक्रमोत्सव में उज्जैन के साथ अन्य स्थानों पर भी सम्राट विक्रमादित्य, भारतीय ऋषि वैज्ञानिक परंपरा, देवी अहिल्याबाई पर केंद्रित प्रदर्शनियां लगाने के निर्देश दे दिए हैं। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सम्राट विक्रमादित्य पर केंद्रित गीत, कविता और रचनाओं को सम्मानित किया जाएगा। 



विक्रमोत्सव में होने वाले राष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन में ड्रोन और रोबोटिक शो जैसे आयोजन भी किए जाएंगे। इस अवसर पर होने वाले विज्ञान सम्मेलन में इसरो सहित अन्य महत्वपूर्ण विज्ञान और शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों को भी आमंत्रित किया जाएगा। इसी के साथ  प्रसिद्ध नाटक जाणता राजा के समान ही विकसित महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य की प्रस्तुतियां भी प्रदेश के विभिन्न शहरों के साथ साथ देश के प्रमुख नगरों में भी की जाएंगी। उज्जैन



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