Upgrade Jharkhand News. गुरु को भगवान का दर्जा देने वाले देश में अब ऐसा नजारा बहुत कम ही देखने को मिलता है, जब एक सरकारी स्कूल के शिक्षक के रिटायरमेंट पर दुखी होकर स्कूल के बच्चे रोने लगे। लेकिन ऐसा ही एक नजारा बंडामुंडा के केंद्रीय विद्यालय में देखने को मिला। यहां करीब 24 वर्षों से तैनात शिक्षक जेम्स लकड़ा के सेवानिवृत्ति होने पर स्कूल के बच्चे काफी दुखी है। जेम्स लकड़ा 21 अक्टूबर 1993 में झारखंड राज्य के बोकारो थर्मल स्थित केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक के रूप में नौकरी प्राप्त किए थे। जिसके बाद 2001 साल के जुलाई महीने से अबतक बंडामुंडा केंद्रीय विद्यालय में अपना बाकी के नौकरी किए। इन 24 सालों में जेम्स लकड़ा स्कूल के बच्चो के दिलों में अपना स्वतंत्र पहचान बना लिए है।
स्कूल में ऐसा कोई बच्चे या बच्चों के अभिभावक नहीं है जो कि जेम्स लकड़ा को नहीं जानता हो। बच्चो के चहिदे इस शिक्षक आज 28 फरवरी के दिन रिटायर हो गए। जेम्स लकड़ा ने जब कक्षा में जाकर बोले कि कल से मै आपके कक्षा में नहीं रहूंगा। आज मेरा आखिरी क्लास है। इतना सुनते ही क्लास में मौजूद स्कूल के बच्चे फूट-फूटकर रोने लगे। बच्चे लिपटकर उनसे प्लीज नहीं जाइये सर..कहने लगे। बच्चों की आंखों से गिरते आंसू और उनके रोने की आवाज़ सुन वहां जेम्स लकड़ा भी भावुक हो उठे। फिर क्या था इस भावुक पल को देख जेम्स लकड़ा भी अपने आंसू नहीं रोक पाये। जेम्स लकड़ा ने कहा कि यही हमारी असली कमाई है। ज्ञात हो कि जेम्स लकड़ा बच्चों के चहेते शिक्षक थे और उन्होंने इस स्कूल में करीब 24 वर्ष तक अपना योगदान दिया है। जेम्स लकड़ा के रिटायर होने पर स्कूल में आज एक बिदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
विदाई समारोह के दौरान स्कूल के प्रिंसिपल श्रीमती हेमलता नायक, हेडमास्टर श्री बेनुधर ध्रूआ और सहकर्मियों ने छात्रों पर उनकी प्रतिबद्धता, मार्गदर्शन और स्थायी प्रभाव को याद करते हुए उन्हें भावभीनी बिदाई दिए। प्राचार्या ने कहा कि जेम्स लाकड़ा की सेवानिवृत्ति एक युग का अंत है, लेकिन उनकी विरासत केवी बंडामुंडा में पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि हम ऐसे शिक्षक की सराहना करते है और इनसे हमें काफी कुछ सीखने की जरुरत है।
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