Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template
NewsLite - Magazine & News Blogger Template

Jamshedpur. बेलटांड़ चौक में धूमधाम से मनाई गई बाबा तिलका माझी की जयंती, बेलटांड़ चौक में धूमधाम से मनाई गई बाबा तिलका माझी की जयंती


Jamshedpur (Nagendra) । माझी पारगाना महाल बारहा दिशोम पटमदा के तत्वावधान में मंगलवार को बेलटांड़ चौक में देश के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी बाबा तिलका माझी की 275 वीं जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ नायके बाबा हेमंत शेखर मुर्मू के द्वारा तिलका माझी की मूर्ति पर पूजा अर्चना करते हुए किया गया। कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि चंद्रशेखर टुडू, जिला पार्षद प्रदीप बेसरा, झामुमो नेता सुभाष कर्मकार, सनत बेसरा, सिजेन हेंब्रम, दिवाकर टुडू, जीतूलाल मुर्मू, परगना कमला कांत मुर्मू व सेवानिवृत्त शिक्षक जगदीश प्रसाद मंडल समेत सैकड़ों लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित की। इससे पूर्व पारंपरिक परिधान में पहुंची सैकड़ों महिलाओं ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ बेलटांड़ तिलका पार्क से सिदो-कान्हू चौक तक पदयात्रा निकाली एवं इस दौरान लोगों ने बाबा तिलका माझी अमर रहे के नारे लगाए। 


दोपहर के बाद गाड़ीग्राम व बस्ती पटमदा की दो महिला टीमों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पाता नाच प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया गया। इस दौरान कार्यकारी देश पारगाना कमलकांत मुर्मू, देश पारायनिक बारहा दिशोम जीतु मुर्मू, दिवाकर टुडू, ग्राम प्रधान सुधीर माझी, सनत बेसरा, हरिहर टुडू, सिजेन हेम्ब्रम, जितेन मुर्मू, सुफल टुडू, उदय मुर्मू, भानु हेंब्रम, शंकर मांडी व मोहनलाल बास्के आदि ने सराहनीय योगदान दिया। कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि ने कहा कि बाबा तिलका माझी की जीवनी से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाबा तिलका ने आज से करीब 250 वर्ष पूर्व अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई करते हुए उनकी दमनकारी नीतियों का विरोध किया था। 



जिला पार्षद प्रदीप बेसरा ने कहा कि देश के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी बाबा तिलका के संघर्ष की कहानी को इतिहासकारों ने जगह नहीं दी है, उसके लिए हमें आवाज उठाने की जरूरत है। जगदीश प्रसाद मंडल ने कहा कि बाबा तिलका माझी को लोग जबरा पहाड़िया के नाम से भी जानते हैं लेकिन वह संथाल समुदाय से आते थे और गांव का प्रमुख व्यक्ति थे इसलिए उनका नाम तिलका माझी के रूप में प्रसिद्ध हुआ। मंडल ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी के विरूद्ध देश के लोगों को जागरूक करते हुए बाबा तिलका ने विद्रोह किया था और मरते दम तक उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।



No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template