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Bhopal. सहज,सरल व्यक्तित्व के धनी मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, Chief Minister Dr. Mohan Yadav is blessed with a simple and easy going personality


Upgrade Jharkhand News.  मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव छात्र जीवन से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं। विद्यार्थी संगठनों से लेकर राजनैतिक क्षेत्र में उन्होंने सक्रियतापूर्वक कार्य किया है। विभिन्न वर्गों में उनकी लोकप्रियता और सहज कार्य शैली उनके मुख्यमंत्री के रूप में चयनित किए जाने का आधार भी बनी है। डॉ. यादव के जीवन पर वर्षवार निगाह डालें तो हम उनकी नेतृत्व क्षमता को समझ पाएंगे। डॉ. मोहन यादव ने 13 दिसंबर 2023 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का दायित्व सम्हाला है। डॉ. यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को उज्जैन में हुआ। शिक्षा बी.एससी., एलएल.बी., एमबीए, पीएच.डी. (राजनीतिशास्त्र) है। वर्ष 2023 में निरंतर तीसरी बार उज्जैन दक्षिण विधानसभा से निर्वाचित हुए हैं। महत्वपूर्ण दायित्वों में कैबिनेट मंत्री और पर्यटन निगम अध्यक्ष भी शामिल है। उच्च शिक्षा विभाग में जुलाई 2020 से कार्य करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में देश में पहली बार मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन का इन्हें श्रेय है। प्रदेश में इस अवधि में 36 इन्क्यूबेशन सेंटर और 54 नए महाविद्यालय खोले गए। 



डॉ. यादव वर्ष 2004-2010 की अवधि में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) बने। इसके पश्चात  वर्ष 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) बने। डॉ. मोहन यादव भा.ज.पा. की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य वर्ष 2013-2016 तक रहे। भा.ज.पा. के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक रहे। डॉ. यादव वर्ष 2013 में 14वीं विधानसभा के सदस्य बने। वर्ष 2018 में वे दूसरी बार विधानसभा के सदस्य बने। डॉ. यादव 2023 में तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए।


महात्मा गाँधी पुरस्कार - डॉ. यादव को उज्जैन के समग्र विकास के लिए अप्रवासी भारतीय संगठन (अमेरिका) ने महात्मा गांधी पुरस्कार दिया। इस्कॉन इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा भी सम्मानित किया गया। मध्यप्रदेश में पर्यटन के निरंतर विकास के लिए डॉ. यादव को वर्ष 2011-2012 एवं वर्ष 2012-2013 में राष्ट्रपति ने पुरस्कृत किया। डॉ. यादव वर्ष 2013 में चौदहवीं विधानसभा, वर्ष 2018 में दूसरी बार पंद्रहवीं विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। डॉ. यादव दिनांक 2 जुलाई, 2020 को कैबिनेट मंत्री बने। डॉ. यादव ने 12 दिसंबर 2023 तक इस पद का निर्वहन किया। डॉ. यादव वर्ष 2023 में सोलहवीं विधानसभा के लिए तीसरी बार सदस्य निर्वाचित हुए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामय उपस्थिति में डॉ. यादव ने 13 दिसंबर 2023 को भोपाल में मध्यप्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।


विद्यार्थी परिषद में योगदान - डॉ. मोहन यादव छात्र राजनीति में लंबे सयम तक सक्रिय रहे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रदेश के विभिन्न पदों पर रहे। राष्ट्रीय महामंत्री के पद के दायित्वों का निर्वहन किया। माधव विज्ञान महाविद्यालय में वर्ष 1982 में डॉ. यादव छात्र संघ के संयुक्त सचिव तथा वर्ष 1984 में छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए। सामाजिक क्षेत्र में डॉ. यादव वर्ष 2006 में भारत स्काउट और गाइड के जिलाध्यक्ष, मध्यप्रदेश ओलंपिक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष, वर्ष 2007 में अखिल भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष, वर्ष 1992, वर्ष 2004 और वर्ष 2016 में सिंहस्थ (उज्जैन) केंद्रीय समिति के सदस्य रहे। इसी तरह वर्ष 2000-2003 तक विक्रम विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद (सिंडीकेट) सदस्य रहे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, विकलांग पुनर्वास केंद्रों में कार्य करते हुए सक्रिय भागीदारी निभाईसंघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, वर्ष 1996 में खंड कार्यवाह और नगर कार्यवाह और वर्ष 1997 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने।


रेलवे बोर्ड में सलाहकार- डॉ. यादव वर्ष 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य बनाये गये। वर्ष 1999 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के उज्जैन संभाग प्रभारी, वर्ष 2000-2003 में भा.ज.पा. के नगर जिला महामंत्री, वर्ष 2004 में भा.ज.पा. की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य, वर्ष 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य तथा वर्ष 2008 से भारत स्काउट एंड गाइड के जिलाध्यक्ष रहे। धार्मिक क्षेत्र में भी आप गतिशील रहे हैं। विक्रमोत्सव चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य द्वारा आरंभ विक्रम संवत् पर प्रारंभ होने वाले भारतीय नववर्ष मनाने की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए प्रतिवर्ष भव्य उत्सव शिप्रा तट पर आयोजित किया जाता है। धार्मिक आयोजनों में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए भारतीय संस्कृति, तीज, त्योहार, रीति-रिवाज के पारंपरिक आयोजनों में शामिल होकर साहित्यिक, सांस्कृतिक कला, विज्ञान, पुरातत्व, वेद ज्योतिष से जुड़ने के लिए जनमानस को अभिप्रेरित किया।



साहित्य क्षेत्र में विक्रमादित्य शोधपीठ के गठन का श्रेय भी डॉ. मोहन यादव को जाता है। लेखन की चर्चा करें तो उज्जैयनी का पर्यटन, विश्वकाल गणना के केंद्र डोंगला पर आपने लिखा है। संकल्प शुभकृत, क्रोधी, विश्वावसु, पराभव आदि पुस्तकों का प्रकाशन भी किया। डॉ. यादव को विदेश यात्रा का भी अनुभव है। अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, जापान, बैंकाक, थाईलैंड, चीन, नेपाल, बर्मा, भूटान, म्यांमार, अरब देशों की यात्रा की है। अभिनय क्षेत्र की चर्चा करें तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित महानाट्य जाणता राजा में भी भूमिका अदा की है। अभिनय के साथ तलवारबाजी की कला का प्रदर्शन विभिन्न मंचों पर किया है। वर्ष 2024 में विश्व की प्रथम विक्रमादित्य-वैदिक घड़ी की स्थापना आपकी ही पहल है। इसी तरह वैज्ञानिकों के सहयोग से डोंगला (उज्जैन) में विश्व स्तरीय वेधशाला के निर्माण में सहभागिता की है। देश के पहले शोध आधारित आईआईटी, इंदौर के सैटेलाइट कैंपस की उज्जैन में स्थापना की है।  तरूण सेन



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