Guwa (Sandeep Gupta) । छोटानागरा थाना क्षेत्र के सलाई गांव में हब्बा डब्बा का खेल जोरों पर है। चाईबासा पुलिस अधीक्षक असुतोष शेखर के सख्त निर्देश के बाद भी छोटानागरा थाना क्षेत्र में हब्बा-डब्बा का खेल जोरों पर चल रहा है। इस पर ना पुलिस प्रशासन की नजर है ना ही कोई जनप्रतिनिधि आवास उठा रहे। बस भोले भाले ग्रामीण पैसे की लोभ कमाने की लालच में अपने मेहनत की कमाई लुटा रहे हैं। इससे घरेलू क्लेश बढ़ रही है। भोले भाले ग्रामीण अपने वेतन की जमा पूंजी इस हब्बा डब्बा खेल में लगाकर हार जा रहे हैं। समाज विरोधी घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा है। मना करने पर महिलाओं पर हिंसा बढ़ने लगी है। इस हब्बा डब्बा खेल का संचालक मनोहरपुर एवं छोटानागरा के संचालक के द्वारा कराई जाती है।
इस तरह से छोटानागरा थाना क्षेत्र में हब्बा-डब्बा की खेल पुरी तरह से फल फुल रही है। यहां प्रत्येक बुधवार को थाना क्षेत्र से 4 किलोमीटर दूर में लगने वाली सलाई गांव में प्रत्येक सप्ताह जोरों से हब्बा-डब्बा का खेल खेला जाता आ रहा है। इस प्रतिबंधित हब्बा डब्बा खेल को लेकर ना पुलिस और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी इसपर अंकुश लगा रहे हैं। क्योंकि सबका अपना-अपना हिस्सा तय रहता है। उस रास्ते से गुजरते वक्त अपनी नजरें चुराकर किनारे होकर निकल जाते हैं। ऐसा नहीं है कि इसके बारे में किसी भी पुलिस प्रशासन या प्रशासनिक अधिकारी को जानकारी ना हो।
छोटानागरा गांव में लगने वाली हब्बा डब्बा के खेल के बारे मे वरीय प्राधिकारी तक को फोन से जानकारी दी जाती है पर उनके द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि इस खेल से मोटी रकम से थाना को भी मोटी रकम पहुंचाई जाती है। इस कारण जुआ माफियाओं का मनोबल बढ़ा हुआ है। इसकी शिकायत जब प्रशासन से की जाती है तो हब्बा डब्बा खेल के संचालक शिकायतकर्ता को धमकाने लगता हैं। इस खेल के संचालन से आए दिन थाना क्षेत्र में समाज विरोधी घटनाएं ज्यादा घट रही है। अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो इसका परिणाम गंभीर हो सकता है।
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