Guwa (Sandeep Gupta) । समाजसेवी संतोष पंडा हर साल सारंडा की बीहड़ों के जंगल में बच्चों के साथ खेलते हैं होली। किरीबुरु, सारंडा एशिया के प्रसिद्ध साल जंगल सारंडा के कलाईता गांव में होली का नज़ारा कुछ अलग ही था। समाजसेवी संतोष पंडा हर साल की तरह इस बार भी सारंडा के बच्चों के साथ रंगों की होली खेलने पहुंचे। बच्चों के लिए पिचकारी, गुलाल, और अबीर लेकर पहुंचे श्री पंडा ने बच्चों के साथ मिलकर जमकर रंगों का उत्सव मनाया।संतोष पंडा ने बताया कि कुछ साल पहले उन्होंने देखा था कि छोटे-छोटे बच्चे मिट्टी और चूल्हे की राख से होली खेल रहे थे।
जब उन्होंने बच्चों से इसका कारण पूछा, तो बच्चों ने बताया कि उनके पास रंग खरीदने के पैसे नहीं हैं। यह सुनकर वे भावुक हो गए और तभी से उन्होंने संकल्प लिया कि हर साल इन बच्चों के लिए रंग और पिचकारी लेकर आएंगे, ताकि वे भी खुशी से होली मना सकें। संतोष पंडा ने कहा,सारंडा के देवतुल्य बच्चों के साथ हर साल होली खेलने का सौभाग्य मुझे प्राप्त होता है। उनकी मासूम मुस्कान और खुशियों से बड़ा कोई त्योहार नहीं।
समाजसेवा के प्रति समर्पित संतोष पंडा ने यह भी कहा कि जब तक संभव होगा, वे इस परंपरा को निभाते रहेंगे। उन्होंने सभी से अपील की कि त्योहारों पर समाज के उन बच्चों को भी शामिल करें जो संसाधनों से वंचित हैं, ताकि उनकी खुशियों में भी रंग भरा जा सके। संतोष पंडा के इस प्रयास से कलेईता गांव के बच्चों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। जंगल में गुलाल उड़ती रही, बच्चे हंसते-गाते रहे और होली का रंग सारंडा की वादियों में चारों ओर बिखर गया।
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