Upgrade Jharkhand News. बंगला नाटक डॉट कॉम द्वारा एक्सिस बैंक फाउंडेशन के सहयोग से नीमडीह प्रखंड के गांधी आश्रम में तीन दिवसीय छऊ नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया। रविवार को रंगारंग कार्यक्रम के साथ छऊ महोत्सव का समापन हुआ। महोत्सव में 18 सरायकेला छऊ नृत्य शैली दल, 14 खरसावां छऊ नृत्य शैली दल और 21मानभूम छऊ नृत्य शैली दल के कुल 1524 कलाकारों ने नृत्य प्रदर्शन किया। इस दौरान छऊ नृत्य के पोशाक व मुखौटा बनाने का कार्यशाला आयोजित की गई।
बंगला नाटक डॉट कॉम के प्रवीर कुमार बनर्जी ने कहा कि सरायकेला छऊ अपनी सुंदर हरकतों और भावपूर्ण मास्क के लिए जाना जाता है। जिसे नर्तक अक्सर अर्ध-शास्त्रीय नृत्य शैली कहते हैं। खरसावां छऊ जो मयूरभंज छऊ से प्रेरणा लेता है, बिना मास्क के प्रदर्शन किया जाता है और इसमें जटिल पैरों की थिरकन और प्रभावशाली अभिव्यक्तियों पर जोर दिया जाता है। जहां नर्तकों के चेहरे को चटकीले रंगों से सजाया जाता है। मानभूम छऊ जो पुरुलिया छऊ के समान है अपने विस्तृत मास्क और गतिशील करतबों के लिए मशहूर है। जो इसे देखने में बेहद आकर्षक बनाता है।
उन्होंने कहा कि छऊ नृत्य को 2010 में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया था। कॉन्टैक्ट बेस एक दो दशक पुरानी विकासात्मक संस्था है, जो संस्कृति और विकास के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखती है। हम पूरे भारत में अपनी अनूठी पद्धति 'आर्ट फॉर लाइफ' (एएफएल) के माध्यम से काम करते हैं, जिसे ओसाका एक्सपो 2025 में विकास के वैश्विक मॉडल के रूप में चुना गया है। उन्होंने कहा कि 2004 से हमने पुरुलिया छऊ कलाकारों के साथ गहनता से काम किया है, और हमारे प्रयासों ने पुरुलिया छऊ को ऊंचाइयों तक पहुंचाने और पुरुलिया को एक सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस अवसर पार तीनों शैलियों के छऊ नृत्य गुरुओं के अलावा एक्सिस बैंक फाउंडेशन की सुश्री लतिका जॉर्ज व प्रोफेसर सुमंत्र बोस, गोवा के प्रसिद्ध रंगमंच के सईश पोई पनंदीकर, मशहूर नर्तक सुदर्शन चक्रवर्ती आदि उपस्थित थे।
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