Jamshedpur (Nagendra) । बीस वर्षों से झारखण्ड राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों और उसके अंगीभूत महाविद्यालयों में संचालित बी.एड. कोर्स में कार्यरत प्राध्यापकों की आपातकालीन ऑनलाइन बैठक संघ के अध्यक्ष डॉ. विशेश्वर यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा 360वीं मीटिंग में साहेबगंज कॉलेज और गोड्डा कॉलेज के बीएड कोर्स की मान्यता वापस लिए जाने की समस्या के समाधान और कोल्हान विश्वविद्यालय द्वारा यूजीसी के नियमों का तर्क देकर संविदा विस्तार नहीं किए जाने के साथ - साथ छह माह से वेतन भुगतान लंबित रहने पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई।
मीटिंग में डॉ. यादव ने कहा कि बीएड कोर्स NCTE के रेगुलेशन से संचालित होता है और प्राध्यापकों की योग्यता NCTE द्वारा निर्धारित नियमों के आलोक में मान्य होती है। आज जो भी नियुक्तियां राज्य के अंगीभूत महाविद्यालयों के बीएड विभाग में हुई है वे NCTE नियम के अनुसार है। इसलिए विश्वविद्यालय को तत्काल सेवा विस्तार दे देना चाहिए साथ ही NCTE नियम के आलोक में सेवा नियमित कर देनी चाहिए तभी प्रदेश के अंगीभूत महाविद्यालयों में संचालित बीएड कोर्स की मान्यता को बचाया जा सकता है। उक्त बाते आज झारखण्ड राज्य बीएड प्राध्यापक संघ द्वारा आयोजित ऑनलाइन बैठक में कही।
वहीं संघ के महासचिव डॉ.सचिन कुमार ने कहा कि NCTE के नियमों के अनुपालन के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध कर ही समस्या का समाधान निकला जा सकता है । इसमें एक तकनीकी बात यह भी है कि 7वें वेतनमान के आलोक में न्यूनतम ग्रेड पे 57700/- रुपए मानदेय अब प्राध्यापकों को दिया जाना चाहिए तभी मान्यता बचाई जा सकती है। इसके लिए अगर फंड की कमी है तो विश्वविद्यालय को सरकार से अनुदान प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करने होंगे। क्योंकि 20 वर्षों से किसी प्रकार की सरकारी सहायता बीएड विभाग को नहीं मिली है। विनोबा भावे विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉ. शमशाद आलम ने कहा कि बीएड पाठ्यक्रम से संबंधित आवश्यक NCTE के नियमों की जानकारी माननीय विधायकगण को देकर पिछले बजट सत्र में मिले आश्वासन की पूर्ति हेतु व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। साथ ही बीएड प्राध्यापकों के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान और लंबी सेवा को देखते हुए मंत्री परिषद से सीधे राज्य के 22 अंगीभूत महाविद्यालयों में संचालित बीएड पाठ्यक्रम के शिक्षकों का पद सृजन कर समायोजन की मांग की जानी चाहिए। इसके लिए संघ को संगठित होकर क्रमबद्ध आंदोलन चलाने के लिए आवश्यक बताया। नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि संघ द्वारा निरंतर प्रयास करने पर ही सेवा नियमित हो सकेगी , इसके लिए शांतिपूर्ण गांधीवादी तरीके से व्यापक आंदोलन की आवश्यकता है।
बैठक में रांची विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय, सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के बीएड कोर्स में कार्यरत प्राध्यापक शामिल हुए। जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी के बीएड विभाग की प्राध्यापिका डॉ. शीतल पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया। अंगीभूत महाविद्यालय के बीएड विभाग के प्राध्यापकों की बैठक में संघ के औपचारिक गठन की घोषणा की गई जिसमें निम्नलिखित प्राध्यापकों को दायित्व सौंपा गया।
झारखण्ड राज्य बीएड प्राध्यापक संघ के निम्न पदाधिकारी चुने गए : अध्यक्ष डॉ. विशेश्वर यादव ( KU), सचिव डॉ. सचिन कुमार (RU), कोषाध्यक्ष डॉ. शमशाद आलम (VBU), उप कोषाध्यक्ष डॉ. हसमत जहां (NPU), कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. महबूब आलम (SKMU), डॉ. अरुणिमा सिंह (VBU), डॉ. सुरेन्द्र कुमार (NPU), उपाध्यक्ष डॉ. डेविड यादव (SKMU), डॉ. आशा कुमारी गुप्ता (DSPMU), डॉ. ओनिमा मानकी (KU), डॉ. शीतल पाण्डेय (JWU), डॉ. कार्तिक साव (KU), संयुक्त सचिव डॉ. भक्त बंधु नायक (KU), डॉ. राबिया खातून (VBU), प्रो. राजेश समीर कच्छप (KU), प्रो. अनिल कुमार यादव (JWU), डॉ. मनोज कुमार पाठक (KU), कार्यकारिणी सदस्य डॉ. महेंद्र प्रसाद (KU), डॉ. मनीष कुमार (NPU), डॉ. संजय केरकेट्टा (KU), प्रो. नेहा रानी मिंज (JWU), प्रो. शीला समद(KU), प्रो. अनिल उरांव (RU), प्रो. प्रियंका कुमारी (KU)।
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