Jamshedpur (Nagendra) । ईचागढ़ विधान सभा की विधायिका श्रीमती सविता महतो ने चांडिल डैम के विस्थापितों का मामला विधान सभा सदन में उठाया। इस दौरान उन्होंने बताया कि चांडिल डैम का निर्माण 1985 में किया गया था, लेकिन लगभग 40 वर्ष पूर्व डैम निर्माण के लिए अधिगृहित 116 गांव के विस्थापितों को भू अर्जन कर मुआवजा अब तक लंबित है।
विधायिका सविता महतो ने सरकार के उदासीन रवैये की आलोचना भी की और कहा कि 116 गांव के विस्थापितों को संपूर्ण मुआवजा भुगतान के अभाव में दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया है कि चांडिल डैम का निर्माण कार्य 1982 से प्रारंभ कर 1992 में पूरा किया गया था। डैम से प्रभावित भू धारीयों को अधिगृहित भूमि का भुगतान की कार्रवाई पूर्ण हो चुकी है और अधियाची पदाधिकारी को आधिपत्य भी सौंपा जा चुका है जो कि गलत सूचना है।
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