Default Image

Months format

Show More Text

Load More

Related Posts Widget

Article Navigation

Contact Us Form

Terhubung

NewsLite - Magazine & News Blogger Template

Jamshedpur. प्रधानमंत्री का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित होगा : कुलविंदर, The Prime Minister's name will be inscribed in golden letters: Kulwinder


  • हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना के लिए प्रधानमंत्री का साधुवाद

Upgrade Jharkhand News। कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना की मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट का साधुवाद किया है। राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत हेमकुंड साहिब के रोपवे पर 2,730.13 करोड़ रुपए खर्च होंगे। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किमी रोपवे बनेगा। अभी तीर्थयात्रियों को गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 21 किलोमीटर की कठिन यात्रा करनी पड़ती है। यह गोविंदघाट से घांघरिया (10.55 किमी) तक मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (एमडीजी) पर आधारित होगा। इसके बाद इसे घांघरिया से हेमकुंड साहिब जी (1.85 किमी) तक सबसे उन्नत ट्राइकेबल डिटैचेबल गोंडोला (3 एस) तकनीक से जोड़ा जाएगा। रोपवे से हर घंटे 1100 और हर दिन 11 हजार यात्री जाएंगे। हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 15 हजार फीट है।



कुलविंदर सिंह के अनुसार यहां स्थापित गुरुद्वारा मई से सितंबर के बीच साल में लगभग 5 महीने के लिए खुलता है। हर साल तकरीबन 2 लाख तीर्थयात्री यहां आते हैं। इस अधिवक्ता के अनुसार रास्ता काफी दुर्गम होने के कारण उम्र दराज और कमजोर श्रद्धालु हेमकुंड साहब तक नहीं पहुंच पाते थे किंतु अब उनकी पहुंच में यह तप स्थान रहेगा। कुलविंदर सिंह कहते हैं कि इस परियोजना के पूरे होते ही हर सिख इस तपस्थान का दर्शन दीदार कर सकेगा। सिख इतिहास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित हो जाएगा।


यहां महाकाल की आराधना पूर्व अवतार में की थी - इस पवित्र स्थल को रामायण के समय से मौजूद माना गया है, कहा जाता है कि लोकपाल वही जगह है जहां श्री लक्ष्मण जी अपना मनभावन स्थान होने के कारण ध्यान पर बैठ गए थे। कहा जाता है कि अपने पूर्व के अवतार में गुरु गोबिंद सिंह जी ध्यान के लिए यहां आए थे। गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपनी आत्मकथा बिचित्र नाटक में इस जगह के बारे में अपने अनुभवों का उल्लेख भी किया है। जहां उन्होंने कई बरसों तक महाकाल की आराधना की थी। यह सात पहाड़ों के बीच बर्फ़ीली झील के किनारे बना है। इन सात पहाड़ों पर निशान साहिब झूलते हैं।



No comments:

Post a Comment

GET THE FASTEST NEWS AROUND YOU

-ADVERTISEMENT-

NewsLite - Magazine & News Blogger Template