Jamshedpur (Nagendra) । बेल्डीह तुलसी काली मंदिर में जगन्नाथ धामपुरी के तर्ज पर आयोजित होने वाली परंपरागत रथ यात्रा के नौवे दिन घूरती रथ यात्रा का आयोजन किया गया। इसके तहत महाप्रभु श्री जगन्नाथ मौसी बाड़ी में अपने 8 दिनों के प्रवास के बाद अपनी बहन सुभद्रा और अग्रज बलभद्र के साथ रथ यात्रा कर वापस श्री मंदिर की ओर लौट चले। इसे लेकर मौसी बाड़ी स्थित मंदिर में शनिवार की प्रातः बेला से ही भक्तों का तांता लगा रहा। सभी भक्तों ने विधि विधान के साथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ की पूजा अर्चना करते हुए घर परिवार के मंगल की प्रार्थना की। शनिवार की शाम पुजारियों के दल द्वारा महाप्रभु श्री जगन्नाथ की सामूहिक आरती एवं वंदना करने के पश्चात महाप्रभु श्री जगन्नाथ सहित बहन सुभद्रा एवं अग्रज बलभद्र के विग्रहों को गोद में उठाकर मौसी बाड़ी के द्वार पर खड़े रथ पर लाकर सिंहासन पर आसीन कराया गया।
जिसके बाद भक्तों के रथ खींचने का दौर शुरू हुआ। शुभ ध्वनि, घंटा ध्वनि एवं करताल के बीच भक्तों ने "जय जगन्नाथ जय जय जगन्नाथ " के जयकारे लगाते हुए महाप्रभु का रथ खींचना प्रारंभ किया। इस दौरान भक्तों द्वारा रथ पर महाप्रभु को भोग प्रसाद का चढ़ावा चढ़ाया गया। और रथ से ही भक्तों के बीच भोग प्रसाद वितरीत किया गया। इस दौरान प्रसाद लेने के लिए भक्तों का उत्साह चरम पर रहा। परंपरा के अनुसार देर शाम महाप्रभु श्री मंदिर पहुंचेंगे।
जहां देवशयनी एकादशी पर विशेष पूजा अर्चना के पश्चात चातुर्मास शयन के लिए चले जाएंगे। नागा काली मंदिर के ट्रस्टी शशि तिवारी ने बताया कि बेलडीह तुलसी मंदिर से नागा काली मंदिर तक श्री जगन्नाथ महाप्रभु,भाई बलराम और बहन सुभद्रा जी का मौसी बाड़ी से वापसी यात्रा धूमधाम से मनाया गया। काफी संख्या में श्रद्धालु रथ यात्रा में भाग लिए।
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