Jamshedpur (Nagendra) । टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक TV Narendran ने घरेलू इस्पात उद्योग को अमेरिकी शुल्क बढ़ोतरी के अप्रत्यक्ष प्रभाव से बचाने के लिए इस्पात आयात पर रक्षोपाय (Safeguard) शुल्क लगाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि कई देशों ने इस्पात आयात पर इसी तरह की कार्रवाई शुरू की है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिन में वियतनाम ने चीनी इस्पात आयात पर डंपिंगरोधी शुल्क लगाया है और दक्षिण कोरिया ने भी इसी तरह का फैसला किया है। यहां नैसकॉम के वार्षिक कार्यक्रम एनटीएलएफ के मौके पर नरेंद्रन ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम रक्षोपाय शुल्क लगाने की मांग कर रहे हैं, जिसे हमारी मदद के लिए तुरंत लगाया जा सकता है।
पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में आयातित सभी इस्पात और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का आदेश दिया और कनाडा और यूरोपीय इस्पात को पहले दी गई छूट को समाप्त कर दिया। नरेंद्रन ने कहा कि भारतीय इस्पात संघ ने पहले ही सरकार को रक्षोपाय शुल्क के लिए एक आवेदन दिया है। उन्होंने डंपिंगरोधी शुल्क के बजाय रक्षोपाय शुल्क की मांग की है क्योंकि बाद वाले को लागू होने में समय लगेगा। नरेंद्रन ने कहा कि लंबे समय तक सुरक्षा उपायों को लागू न करने से उद्योग की निवेश योजनाओं पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि मार्जिन में कमी और नकदी प्रवाह पर प्रभाव से पूंजीगत व्यय निर्णयों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी शुल्क का भारत में इस्पात उद्योग पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति नहीं है कि भारत अमेरिका को बहुत अधिक इस्पात का निर्यात कर रहा हो, लेकिन, जो इस्पात अमेरिका में जाता था, वह दुनिया में कहीं और जाएगा। इसका अप्रत्यक्ष रूप से भारत पर भी प्रभाव पड़ेगा।
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