Jamshedpur (Nagendra) । मासिक धर्म स्वच्छता और संधारणीय प्रथाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज (एमटीएमसी), जमशेदपुर के आउटरीच विभाग ने मणिपाल फाउंडेशन के माध्यम से अपनी सीएसआर पहल के तहत 8 और 9 अप्रैल 2025 को पूर्वी सिंहभूम जिले के पांच सरकारी स्कूलों में बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन वितरित किया। इस पहल का उद्देश्य किशोरियों को सुरक्षित, पर्यावरण के अनुकूल मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों तक पहुंच प्रदान करना है। साथ ही उन्हें उचित उपयोग और पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित निपटान विधियों के बारे में शिक्षित करना है।
दो दिवसीय कार्यक्रम में किशोरियों के बीच बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन वितरण करना और मणिपाल फाउंडेशन के विशेषज्ञों द्वारा आयोजित इंटरैक्टिव प्रशिक्षण सत्र शामिल है। इन सत्रों में सैनिटरी उत्पादों के सही उपयोग और सुरक्षित निपटान पर प्रदर्शन और मासिक धर्म स्वास्थ्य व स्वच्छता प्रथाओं पर केंद्रित जागरूकता वार्ता शामिल करना। यह पहल न केवल किशोर स्वास्थ्य के एक महत्वपूर्ण पहलू को संबोधित करती है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल मासिक धर्म उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देकर सतत विकास लक्ष्यों के साथ भी जुड़ती है। इससे युवा लड़कियों में जागरूकता, सम्मान और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।
यह कार्यक्रम सामुदायिक कल्याण, सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा प्रथाओं में स्थिरता के लिए MTMC की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (MAHE) ,जो कि एक Institution of Eminence (IoE) है—का एक घटक संस्थान है। यह MAHE एवं टाटा स्टील लिमिटेड (TSL) का एक संयुक्त उपक्रम है, जो उच्च स्तरीय चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अत्याधुनिक सुविधाओं और समर्पित शिक्षकों के साथ, MTMC भावी स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को प्रशिक्षित करने और समाज के कल्याण में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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