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Chandil. सामाजिक कार्यकर्ता कपूर बागी की स्मृति में सभा का आयोजन, A meeting was organized in memory of social worker Kapoor Bagi


Upgrade Jharkhand News. चांडिल क्षेत्र के चिल्गु-चाकुलिया स्थित मितान जुमिद में दिवंगत समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता कपूर बागी की स्मृति में एक सभा का आयोजन रविवार को जन-मुक्ति वाहिनी एवं विस्थापित मुक्ति वाहिनी के तत्वावधान में किया गया। जिसमें चांडिल, ईचागढ़, कुकड़ू, बोड़ाम, पटमदा, जमशेदपुर, नीमडीह आदि क्षेत्रों के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें यद् करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी। दिवंगत कपूर बागी की स्मृति सभा में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि कपूर बागी एक बहादुर समर्पित और बेपरवाह कार्यकर्ता थे, जो जीवन पर्यन्त सामाजिक परिवर्तन के लिए सक्रिय रहे। स्मृति सभा में विशेष रूप से परिवार से मां सुखी टुडू, पत्नी सुकुरमनी टुडू, पुत्र उमूल, बाबूलाल,बेटी दुलारी, भतीजी लिंगीन टुडू आदि शामिल हुए। इस अवसर पर चांडिल, ईचागढ़ कुकड़ू बोड़ाम, पटमदा, जमशेदपुर, नीमडीह आदि क्षेत्रों के सामाजिक कार्यकर्ताओं उपस्थित हुए। ज्ञात हो कि विगत 6 मई को कपूर बागी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वे अपने पीछे अपनी माता, पत्नी, दो पुत्र और एक पुत्री छोड़ गए हैं। पूरा जीवन ही उन्होंने समाज में मजलूमों के लिए समर्पित कर दिया। कभी अपने लिए वे जीए ही नहीं।


हैसियत और पद निजी हित में इस्तेमाल नहीं किया-वक्ताओं ने कहा कि जिनके परिवार से दो दो व्यक्ति अर्थात् मामा शिबू सोरेन और ममेरे भाई हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हुए। उनकी हैसियत और पद का कपूर बागी ने कभी भी निजी हित में इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने सादगी और असंग्रह की प्रवृत्ति से अपना जीवन बिताया। चांडिल क्षेत्र में चलने वाले हर आंदोलन में उन्होंने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इतना ही नहीं, वर्ष 1991 में कोयलकारो बांध के ख़िलाफ़ दूसरे दौर के आंदोलन में, पोटका में जिंदल और मित्तल के ख़िलाफ़ संघर्ष में तथा दलमा क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन घोषित करने के खिलाफ आंदोलनों में अग्रिम पंक्ति में शामिल रहे।


निडर और बागी तेवर-निडरता उनका एक ऐसा गुण था, जो उन्हें संघर्ष में हमेशा आगे रखता था। आज वैसे ही निडर और बागी तेवर के सामाजिक कार्यकर्ताओं की आवश्यकता सामाजिक बदलाव की मुहिम में है। सभी ने अपने वक्तव्यों में कपूर के परिवार, विशेष रूप से उनके बच्चों की पढ़ाई और परवरिश हेतु यथासंभव सहयोग व मार्गदर्शन करने पर बल दिया। स्मृति सभा में सर्व सेवा संघ के सचिव अरविंद अंजुम, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के सह संयोजक मंथन,I एसयुसीआई के आशुतोष महतो और अनंत महतो, पूर्वी सिंहभूम जिला सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष डॉ. सुख चन्द्र झा, विस्थापित मुक्ति वाहिनी के श्यामल मार्डी, वासुदेव आदित्यदेव, कार्तिक महतो, घनश्याम, नारायण गोप, जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के प्रांतीय संयोजक भाषाण मानमी, सह संयोजक जगत, अमर सेंगेल, कुमार दिलीप, वीर सिंह महतो, निधि कुमारी, बायला मानमी, युवा सामाजिक कार्यकर्ता विकास कुमार और अंकुर शाश्वत, विश्वनाथ, चरण, कृष्ण पद, कृत्तिवास, जयदेव, संतोष कुमार, कुमार आकाश सानू, अंतस पलाश, झारखंड जनाधिकार महासभा के अंबिका प्रसाद यादव, वन रक्षा समिति के डोमन बास्के, मुखिया सुकलाल मुर्मू  समेत अशोक कुमार, ओम प्रकाश, शशांक शेखर, विक्रम मुर्मू, जय सिंह सरदार, संतोष सरदार, गुरुवा माझी, रजनी माझी आदि मौजूद रहे।



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