Jamshedpur (Nagendra) । पूर्वासिंहभूम जिला के कमलपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ओड़िया पंचायत के चिरूडीह गांव में खदान के रास्ते कुछ ग्रामीणों ने झोपड़ी का निर्माण करते हुए खनन कार्य पर रोक लगा दी है। इससे अब स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण आमने-सामने आ गए हैं, जबकि प्रशासन भी उन ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में है। कुछ दिनों पूर्व भी 8 नामजद समेत 30 ग्रामीणों के खिलाफ इसी मामले को लेकर खदान संचालक की लिखित शिकायत पर 2 लाख की रंगदारी मांगने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। सूचना पाकर बुधवार को मौके पर पहुंचे पटमदा सीओ डॉ. राजेंद्र कुमार दास व कमलपुर थाना के अवर निरीक्षक पुरुषोत्तम कुमार राय ने स्थिति का जायजा लिया। इस संबंध में सीओ ने बताया कि मौजा ओड़िया अंतर्गत बिहार (झारखंड) सरकार की खाता नंबर 624, प्लॉट नंबर 4275, रकवा लगभग 8 एकड़ जमीन के कुछ हिस्सों में ही पत्थर खदान का लीज प्राप्त हुआ है, उसके बगल से बिहार सरकार की जो जमीन है उसका उपयोग रास्ता के रूप में ग्रामीण तथा क्रशर -खदान संचालक के द्वारा किया जाता है।
फिलहाल कुछ ग्रामीणों द्वारा उक्त रास्ता पर झोपड़ी बनाकर अतिक्रमण किया गया है और उन लोगों द्वारा बिहार सरकार की अनाबाद जमीन को अतिक्रमण करके खेत बनाकर अपने खेतों में शामिल कर लिया गया है। सीओ के द्वारा जांच के क्रम में अंचल अमीन के द्वारा नापी कराने पर मामला स्पष्ट हो गया है। उन्होंने बताया कि अब आगे की कार्रवाई अतिक्रमणवाद मामला खोलकर एवं विधिवत संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर की जाएगी। इस दौरान थाना प्रभारी, अंचल उप निरीक्षक एवं अमीन मौजूद थे। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि पत्थर खदान में विस्फोट के नियमों का पालन नहीं किया जाता है और खदान की घेराबंदी किए बिना खनन कार्य किया जाता है। सीओ के अनुसार इस संबंध में जिले के उपायुक्त द्वारा विगत दिनों खनन विभाग को क्षेत्र में संबंधित क्रशर व खदानों के सुरक्षात्मक एवं नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं, जांच करने का निर्देश दिया गया था। जिसके बाद खनन विभाग द्वारा जांच भी की गई थी।
दूसरी ओर सीओ के द्वारा विगत 20 फरवरी को भी पत्थर खनन क्षेत्र को लेकर ग्रामीणों की शिकायत पर ओड़िया पंचायत में एक आमसभा बुलाकर जनसमस्याओं की जानकारी ली गई थी। उसके बाद संबंधित क्रशर संचालक या प्रतिनिधियों को यह सुरक्षात्मक निर्देश भी दिया गया था कि स्कूल के समय में पत्थर वाहनों का परिचालन बंद रखा जाय एवं सड़कों पर उड़ने वाली धूलकण से राहत दिलाने के लिए पानी का नियमित छिड़काव करें। वर्तमान समय में पीएमजीएसवाई के तहत पक्की सड़क बन चुकी है और अब ऐसी स्थिति में धूलकण की समस्या नहीं है लेकिन भविष्य में दुर्घटनाओं की संभावना को देखते हुए परिवहन विभाग को जगह -जगह पर ब्रेकर लगाने की आवश्यकता है।
No comments:
Post a Comment