Jamshedpur (Nagendra) । कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने केंद्रीय गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रधान भगवान सिंह से कहा है कि यदि वे पाक साफ हैं और अपराध की राजनीति नहीं करते हैं तो गुरचरण सिंह बिल्ला को अविलंब महासचिव पद से मुक्त करें क्योंकि उनकी अग्रिम जमानत अर्जी नामंजूर हो चुकी है और अब उनका जेल जाना तय है। उनके फैसले से यह तय हो जाएगा कि वर्तमान एवं नई पीढ़ी को वह किस दिशा में ले जाना चाहते हैं। उनके लिए इम्तिहान का समय है यदि गुरुद्वारा एवं सिख राजनीति को अपराध मुक्त रखना चाहते हैं तो गुरचरण सिंह बिल्ला को पद से हटाना ही होगा।
कुलविंदर सिंह के अनुसार भगवान सिंह की फितरत है कि वह बिना अपराधियों के नहीं रह सकते हैं। साल 2014 में कदमा थाना में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करानेवाले के साथ पहुंचे थे। सीताराम डेरा थाना में भी दलबल के साथ प्रदर्शन करने पहुंचे थे। अब आलम यह है कि अपने महासचिव को बचाने हेतु पिछले एक महीने से टाटा रांची एक किए हुए थे। कुलविंदर सिंह के अनुसार गुरुचरण सिंह बिल्ला सजायाफ्ता हैं और उन्हें एक-47 हथियार, मैगजीन, वॉकी टॉकी रखने के मामले में पंजाब की एक अदालत ने पांच साल कैद की सजा सुनाई थी।
यहां भी सिदगोड़ा पुलिस ने गत 30 मार्च को सब इंस्पेक्टर विकास कुमार के बयान पर थाना कांड संख्या 41/2025 दर्ज किया। जिसमें गुरचरण सिंह बिल्ला भी आरोपित है। पुलिस द्वारा जेल भेजे गए अपराधियों के कथन में यह तथ्य है कि बिल्ला के कहने पर उसके गेराज में रखे गए बालू के बोरे के नीचे दो पिस्टल रखे थे। जमशेदपुर की सिख संगत एवं जिला प्रशासन को यह जानने का हक है कि आखिर गुरचरण सिंह बिल्ला में कौन सी खासियत है जिसके कारण भगवान सिंह ने उन्हें महासचिव जैसा महत्वपूर्ण पद दे रखा है?
No comments:
Post a Comment