Jamshedpur (Nagendra) । भारत के फेरोक्रोम उद्योग में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, टाटा स्टील ओडिशा के कटक जिले स्थित अपने फेरो एलॉय संयंत्र, अथागढ़ में वेस्ट हीट रिकवरी (डब्ल्यूएचआर) परियोजना की शुरुआत करने जा रही है। कंपनी ने शुक्रवार को इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए हीट और एनर्जी रिकवरी समाधानों की अग्रणी प्रदाता कॉमफिट एनरसैव प्राइवेट लिमिटेड और ऊर्जा संरक्षण समाधान क्षेत्र की प्रमुख कंपनी यंत्र हार्वेस्ट के साथ एक सहमतिपत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। टाटा स्टील के फेरो एलॉयज एंड मिनरल्स डिवीजन (एफएएमडी) के तहत संचालित अथागढ़ संयंत्र को इस रणनीतिक सहयोग से महत्वपूर्ण लाभ होने की संभावना है। इस पहल का उद्देश्य ऊर्जा दक्षता को बढ़ाना और सतत औद्योगिक अभ्यासों को प्रोत्साहित करना है। एमओयू के अनुसार, कॉमफिट एनरसैव और यंत्र हार्वेस्ट संयंत्र में संयुक्त रूप से वेस्ट हीट रिकवरी प्रणाली का डिज़ाइन और कार्यान्वयन करेंगे।
यह समझौता पंकज सतीजा, एक्जीक्यूटिव इंचार्ज– एफएएमडी, टाटा स्टील; गणेश भट, तकनीकी निदेशक – कॉमफिट एनरसैव; और गौरांग भट्ट, तकनीकी निदेशक – यंत्र हार्वेस्ट द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। इस अवसर पर पंकज सतीजा ने कहा, “हम सभी ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, जल और जैव विविधता के बीच के गहरे संबंध से भली-भांति परिचित हैं। इस हीट इंटीग्रेशन प्रक्रिया के माध्यम से हम उस ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं, जो सामान्यतः वातावरण में व्यर्थ चली जाती। यह साझेदारी हमारे सतत संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो CO₂ उत्सर्जन में कमी, ऊर्जा दक्षता में वृद्धि और ऊर्जा लागत में कमी लाएगी। हमें पूरा विश्वास है कि यह सहयोग औद्योगिक ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेगा।”यह नवाचारी परियोजना फर्नेस में स्मेल्टिंग ऑपरेशन प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न होने वाली टॉप वेस्ट गैस से गर्मी को संग्रहित करने पर केंद्रित है। इस पुनः प्राप्त हीट का उपयोग क्रोम ओर फाइन्स को सुखाने के लिए किया जाएगा, जिससे वर्तमान में फर्नेस ऑयल पर होने वाली निर्भरता समाप्त हो जाएगी। इस परिवर्तन से प्रतिवर्ष लगभग ₹3 करोड़ की लागत बचत होने की संभावना है। यह परियोजना एनर्जी सेविंग्स कंपनीज़ (ईएससीओ) मॉडल के तहत, बिल्ड-ओन-ऑपरेट (बीओओ) फ्रेमवर्क के अनुसार लागू की जाएगी।
इस मॉडल में परियोजना की लागत उस हीट एनर्जी के वैल्यू से रिकवर की जाएगी, जिसे संग्रहित कर प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाएगा, जिससे एक पारदर्शी और प्रदर्शन-आधारित भुगतान व्यवस्था सुनिश्चित होगी। यह पहल टाटा स्टील की जिम्मेदार निर्माण प्रक्रिया में नेतृत्व को मजबूत करती है और भारतीय फेरोक्रोम क्षेत्र में ऊर्जा नवाचार के लिए एक नया उदाहरण स्थापित करती है। कंपनी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों में बी.डी. नन्दा, चीफ (ऑपरेशंस – फेरो एलॉयज प्लांट्स), नताशा झा, हेड (प्रोजेक्ट्स, टेक्नोलॉजी और इम्प्रूवमेंट), सरबेस्वर नायक, हेड, फेरो एलॉयज प्लांट, अथागढ़, एफएएमडी, टाटा स्टील, जितेंद्र जैन, प्रबंध निदेशक, कॉमफिट एनरसैव और आलोक झा, रीजनल सेल्स मैनेजर, यंत्र हार्वेस्ट, समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह में उपस्थित थे।
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