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Mumbai. बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में 'चरक' की स्क्रीनिंग, रिव्यू में बताई गई 2025 की मच अवेटेड फिल्म!, 'Charak' screened at Berlin Film Festival, review describes it as the much awaited film of 2025!


  • सुदीप्तो सेन अपनी फिल्म चरक को आने वाले कान्स फिल्म फेस्टिवल में करेंगे पेश।

Mumbai (Chirag) चरक – फेयर ऑफ फेथ 2025 की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक है। इसकी अनाउंसमेंट के बाद से ही ये अपने दमदार थीम और दिलचस्प कहानी की वजह से खूब सुर्खियां बटोर रही है। द केरला स्टोरी जैसी जबरदस्त ब्लॉकबस्टर फिल्म देने वाले सुदीप्तो सेन, जिसने हाल ही में 2 साल पूरे किए हैं, अब अपने बैनर सिपिंग टी सिनेमा के तहत पहली बार प्रोड्यूसर के तौर पर कदम रख रहे हैं, वो भी एक अनोखी फोकलोर हॉरर फिल्म के साथ। अब बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग के बाद, इस फिल्म को क्रिटिक्स से जबरदस्त तारीफें मिली हैं, जो कुछ इस तरह हैं:


अबुंडंटिया एंटरटेनमेंट के विक्रम मल्होत्रा कहते हैं,"…दिलचस्प, सोचने पर मजबूर करने वाली और रोमांचक। चरक की कहानी क्रेडिट्स खत्म होने के बाद भी आपके ज़हन में बनी रहती है। बेहतरीन तरीके से बनाई गई और गहरा असर छोड़ने वाली फिल्म।"


"…फिल्म शानदार लग रही है," - एलेक्स गॉडफ्रे, एम्पायर मैगज़ीन


"…कहानी का कांसेप्ट और ट्रेलर दिलचस्प है," - याएल कॉफ़मैन, नीऑन रेटेड


"…ट्रेलर तो कमाल का है," - किस्का हिग्स, फोकस फीचर्स


"मैंने चरक देखी, सुदीप्तो सेन के दमदार नाम से खिंचकर। ये एक सच्ची भारतीय कहानी है, जो उनकी गहरी समझ और भारतीय कथाओं से जुड़ाव को बखूबी दिखाती है। उनकी मेहनत और जुनून हर सीन में साफ झलकता है। चरक भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं की गहराई को शानदार तरीके से पेश करती है। अगर आप भारत को समझना चाहते हैं, तो चरक जरूर देखें," - पंकज शुक्ल, चीफ़ एंटरटेनमेंट एडिटर, अमर उजाला (भारत का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला हिंदी अख़बार)।



रिलीज़ से पहले ही चरक खूब चर्चा में है। हाल ही में बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में इसकी स्क्रीनिंग हुई, जहां इसे क्रिटिक्स से ज़बरदस्त तारीफें मिलीं। एक क्रिटिक ने इसे दमदार, सोचने पर मजबूर करने वाली और रोमांचक बताया, जो दर्शकों के दिलो-दिमाग पर गहरी छाप छोड़ती है। वहीं, एक और क्रिटिक को फिल्म का कांसेप्ट और ट्रेलर काफी पसंद आया।



एक क्रिटिक ने सुदीप्तो सेन की सोच और नज़रिए की भी तारीफ की है, जो उनकी विषय पर गहरी समझ और भारतीय कहानियों से गहरे जुड़ाव को दिखाता है। इस पहले प्रोडक्शन में उनका जुनून और अनुभव साफ नज़र आता है। क्रिटिक के मुताबिक, चरक भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं की गहराई को बखूबी पेश करती है। अगर किसी को भारत को समझना है, तो चरक जरूर देखनी चाहिए। अब ये फिल्म कान्स फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग के लिए तैयार है। इसके अलावा, चरक की कहानी बंगाल के कुछ हिस्सों में मनाई जाने वाली गहरी और तीव्र चरक पूजा पर आधारित है, और यह दिखाती है कि भक्ति के नाम पर किए गए कुछ गलत काम कभी-कभी इंसानियत की हद पार कर जाते हैं, और एक बुरा काम बन जाते हैं।



चरक अपनी खास "लोककथा हॉरर" शैली में, अंधविश्वास, पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे दर्द और पुरुष प्रधान समाजों में चुप रहने के असर पर बात करती है। चरक सुदीप्तो सेन की प्रोडक्शन है, जिसे शीलादित्य मौलिक ने डायरेक्ट किया है। इसकी कहानी संजय हलदर ने लिखी है। फिल्म सिपिंग टी सिनेमा और सुदीप्तो सेन प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी है।



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