Upgrade Jharkhand News. प्रशंसा, जिसे हम 'हौसला अफ़ज़ाई' भी कहते हैं, जीवन के हर पड़ाव पर हमारी ऊर्जा और उमंग को न केवल बनाए रखने का कार्य करती है, बल्कि हमें निरंतर बेहतर। बनने की प्रेरणा भी देती है। यह केवल शब्दों का खेल नहीं बल्कि भावनाओं की वह सकारात्मक धारा है, जो किसी के मन-मस्तिष्क को आत्मविश्वास से भर देती है।
प्रशंसा का प्रभाव आत्मविश्वास का संचार-प्रशंसा करने वाला व्यक्ति, सामने वाले के भीतर यह विश्वास उत्पन्न करता है कि वह कुछ कर सकता है, कुछ है। यह विश्वास अक्सर चमत्कारी परिवर्तन की शुरुआत बन जाता है।
सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास - प्रशंसा नकारात्मक सोच को दूर करने में सहायक होती है। यह व्यक्ति को उत्साहित करती है और उसकी कार्यक्षमता में वृद्धि करती है।
प्रशंसा हर संबंध का आधार - चाहे संबंध माता-पिता और बच्चों के बीच हो, शिक्षक और विद्यार्थी के बीच, या जीवनसाथी, सहकर्मी अथवा मित्रों के बीच - प्रशंसा हर रिश्ते को मधुर, मजबूत और जीवंत बनाती है।
प्रशंसाः एक कला - प्रशंसा करना आसान नहीं। यह एक कला है, जिसे आत्मसात करने के लिए सकारात्मक सोच, ईमानदारी और खुले मन की आवश्यकता होती है। नपे-तुले और औपचारिक शब्दों की बजाय जब दिल से की गई प्रशंसा होती है, तभी वह असर करती है।
प्रशंसा का स्वास्थ्य पर प्रभाव- प्रशंसा व्यक्ति के मानसिक संतुलन को बेहतर बनाती है, उसका मन प्रफुल्लित होता है और इसका सीधा असर शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत - बच्चों की छोटी-छोटी उपलब्धियों की प्रशंसा करना उनके आत्म-सम्मान को पोषित करता है। यह उन्हें जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की मानसिक शक्ति प्रदान करता है।
सावधानियां भी जरुरी - वास्तविक और सच्ची प्रशंसा ही प्रभावशाली होती है। झूठी या अतिरंजित प्रशंसा व्यक्ति को भ्रम में डाल सकती है। प्रशंसा में कंजूसी करना या प्रशंसा को टाल देना रिश्तों को ठंडा कर देता है। प्रशंसा एक ऐसा उपहार है जिसे जितना अधिक बाँटा जाए, उतनी ही गहराई से यह प्रभाव छोड़ता है। यह केवल सामने वाले को ऊपर उठाने का कार्य नहीं करती, बल्कि हमें भी एक बेहतर इंसान बनने की राह दिखाती है। इसलिए, प्रशंसा कीजिए, खुले दिल से कीजिए- क्योंकि किसी का हौसला बन जाना भी एक पुण्य है।
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