Jamshedpur (Nagendra) । केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र संघों के संयुक्त तत्वाधान में सोमवार को मजदूर नेता राकेश्वर पांडेय की अध्यक्षता में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया । प्रेसवार्ता के दौरान 9 जुलाई की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के कार्यक्रमो के बारे में विस्तार से जानकारी दिया गया , जिसका विवरण निम्न प्रकार से है : 8 जुलाई - शाम 6:30 बजे आमबगान मैदान से बिरसा चौक, साकची तक मशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। 9 जुलाई - विभिन्न कार्यस्थलों पर हड़ताली कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शनों के अलावा, विभिन्न बिरादरी संगठनों के साथ- सुबह 11:30 बजे आमबगान मैदान से एक विशाल विरोध रैली निकाली जाएगी, जिसके बाद बिरसा चौक, साकची पर प्रदर्शन किया जाएगा।
9 जुलाई 2025 को मजदूरों की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की 17 सूत्री केंद्रीय मांगें : चार श्रम संहिताओं (LABOUR CODES) को अविलंब रद्द करें। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, ठेका श्रमिकों और स्कीम वर्कर सहित सभी श्रमिकों के लिए 26000 रुपये प्रति माह (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ा) का राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करें। किसी भी तरह के बारहमासी/स्थायी प्रकृति का काम को आउटसोर्सिंग, FIXED TERM EMPLOYMENT, अप्रेंटिस, ट्रेनी आदि के तहत केजुलाइजेशन । अनियमितीकरण नहीं किया जाए। ठेका और अनुबन्धित श्रमिकों के लिए समान काम के लिए समान वेतन को तुरंत लागू किया जाए। असंगठित श्रमिकों और कृषि श्रमिकों सहित सभी श्रेणियों के श्रमिकों के लिए 9000 रुपये प्रतिमाह की न्यूनतम पेंशन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सभी असंगठित श्रमिकों, कृषि श्रमिकों, स्वरोजगार, प्रवासी श्रमिकों को पंजीकृत किया जाए और पेंशन सहित व्यापक सामाजिक सुरक्षा में पोर्टेबिलिटी दी जाए।
पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। NPS और UPS को खत्म किया जाए। बोनस, भविष्य निधि के भुगतान और पात्रता पर सभी सीमाएं हटाई जाएं। ग्रेच्युटी की राशि में वृद्धि की जाए। आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि से 45 दिनों के भीतर ट्रेड यूनियनों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए; संगठन बनाने की स्वतंत्रता और संगठित होने के अधिकार के संरक्षण (C-87) तथा संगठित होने और सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार (C-98) के संबंध में सम्मेलनों की सिफारिशों का अनुपालन सुनिश्चित करें। मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करें, खाद्य, दवाइयों, चिकित्सा, कृषि-इनपुट और मशीनरी जैसी आवश्यक वस्तुओं पर GST हटाएँ, पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में पर्याप्त कमी करें। रसोई गैस पर सब्सिडी बढ़ाई जाए। खाद्य सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करें और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाएँ। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, सरकारी विभागों का निजीकरण बंद करें। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) / MDO/REVENUE SHARING मॉडल खत्म करें; स्थानीय समुदायों, विशेषकर आदिवासियों और किसानों के उत्थान के लिए कानूनों में संशोधन करके कोयला सहित खदानों से होने वाले लाभ का 50% हिस्सा साझा करना सुनिश्चित करें। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत सभी श्रमिकों को स्वास्थ्य योजनाओं, मातृत्व लाभ, जीवन और विकलांगता बीमा के कवरेज तथा सरकारी कल्याण कोष से अंशदान के साथ निर्माण श्रमिकों को ESI कवरेज सुनिश्चित करें।
घरेलू श्रमिकों और घर-आधारित श्रमिकों के लिए ILO सम्मेलनों के अनुशंसा के अनुसार कानून बनाएं। प्रवासी श्रमिकों के लिए व्यापक नीति बनाएं। मौजूदा अंतर-राज्य प्रवासी कामगार कानून 1979 को मजबूत करें तथा उन्हें पोर्टेबिलिटी के साथ सामाजिक सुरक्षा कवरेज सुनिश्चित करें। सभी कृषि उपज के लिए C-2+50% की दर से MSP पर गारंटीकृत खरीद सुनिश्चित करें। बीज, उर्वरक और बिजली आदि पर किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी बढ़ाएँ, व्यापक ऋण माफी और फसल बीमा योजनाएँ लागू करें। केंद्र सरकार द्वारा SKM को दिए गए लिखित आश्वासनों को लागू करें। वन अधिकार अधिनियम (FRA) का सख्ती से क्रियान्वयन करें; वन (संरक्षण) अधिनियम, 2023 और जैव-विविधता अधिनियम और नियमों में उन संशोधनों को वापस ले, जिसके तहत वनवासियों की सहमति के बिना जंगल की कटाई की खुला छुट दिया जा रहा है; जोतने वाले को जमीन सुनिश्चित करें। बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 वापस लें। बिजली का निजीकरण रोकें। प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर तुरंत रोक लगाई जाए। काम करने के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया जाए। स्वीकृत एवं रिक्त पदों को भरें, रोजगार पैदा करें। मनरेगा (प्रति वर्ष 200 दिन और 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी) का विस्तार करें।
शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करें। सभी के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता की गारंटी दें। नई शिक्षा नीति, 2020 को रद्द करें। सभी के लिए आवास सुनिश्चित करें। अति अमीरों पर कर लगाएं; कॉर्पोरेट टैक्स दर बढ़ाएं; संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर को फिर से लागू करें। संविधान के मूलभूत मूल्यों जैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, असहमति का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता, संस्कृतियों और भाषाओं की विविधता की स्वीकृति, कानून के समक्ष समानता और देश के संघीय ढांचे आदि पर हमले पर रोक लगाया जाए। आज के प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडे, विश्वजीत देव, अंबुज ठाकुर, बिनोद राय, विजय खान, संजीव श्रीवास्तव, परबिदर सिंह सोहल, मनोज कुमार सिंह, ददन सिंह, साईं राजू, अमृत कुमार झ, सूर्य भूषण शर्मा, विनय साहू, संग्राम किशोर दास एवं कई केंद्रीय ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि शामिल थे।
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