Jamshedpur (Nagendra) कदमा स्थित एडीएल सोसायटी सनशाईन स्कूल में एक अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और मल्टीपर्पस हॉल का निर्माण किया जा रहा है, जो 2026 तक तैयार होने की संभावना है। इस ऑडिटोरियम का नाम टाटा ग्रुप के दिवंगत चेयरमैन रतन टाटा के नाम पर रखा जाएगा। स्कूल में रविवार को श्री गणपति पूजा महोत्सव के अवसर पर महाप्रसाद का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में टाटा स्टील के वाइस प्रेसीडेंट कॉरपोरेट सर्विसेज डी. बी. सुन्दर रामम अपनी धर्म पत्नी के संग उपस्थित रहे । वहीं अन्य गणमान्य लोगों में टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष और सोसायटी के ट्रस्टी आर. रवि प्रसाद समेत करीब 600 से अधिक शहरवासियों ने भाग लिया और महा प्रसाद ग्रहण की।
इस मौके पर ए. डी. एल. सोसायटी के अध्यक्ष वाई. ईश्वर राव और सचिव एम. कमल कुमार ने अतिथियों को स्कूल परिसर में बन रहे ऑडिटोरियम और मल्टीपर्पस हॉल का निरीक्षण कराया, जिसे देखकर सभी अतिथियों ने इसकी सराहना की। वहीं मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि डी. बी. सुन्दर रामम ने अपने संबोधन में कहा कि जमशेदपुर में सभी समाज और समुदाय अपनी संस्कृति पर गर्व करते हैं। स्कूल में हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम उपलब्ध हैं, जिससे छात्र अपनी सुविधा अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऑडिटोरियम और मल्टीपर्पस हॉल बच्चों को वर्चुअली शिक्षा देने में मदद करेंगे। साथ ही उन्होंने जुस्को द्वारा निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों का पालन किए जाने की भी पुष्टि की।
सोसायटी के अध्यक्ष वाई. ईश्वर राव ने बताया कि ऑडिटोरियम की क्षमता 900 सीटें होगी, जबकि मल्टीपर्पस हॉल में 500 सीटें होंगी। हॉल का उपयोग न केवल स्कूल बल्कि शहरवासियों के लिए भी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि ऑडिटोरियम के बेसमेंट में 70 चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा भी होगी। उन्होंने कहा कि ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम, वार्षिक उत्सव, शैक्षणिक समारोह और विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जा सकेगा। यह परियोजना न केवल स्कूल के शैक्षणिक विकास को बढ़ावा देगी बल्कि शहरवासियों के लिए भी उपयोगी साबित होगी। निर्माण कार्य जुस्को द्वारा किया जा रहा है और इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अध्यक्ष ईश्वर राव ने कहा कि सोसायटी का उद्देश्य स्कूल को शैक्षणिक रूप से बेहतर बनाना और इसके साथ ही स्कूल के बुनियादी ढांचे का विकास करना है। उन्होंने कहा कि ए.डी.एल. सोसायटी अब अपने पूर्ण वैभव की ओर अग्रसर हो रहा है , 900 सीटों का अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। कदमा ए.डी.एल. सोसायटी अपने 108वें स्थापना दिवस पर एक शताब्दी से भी अधिक की गौरवशाली यात्रा को प्रदर्शित किया है।
सोसायटी के अधूरे सपनों को साकार करने की दिशा में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह भव्य आडिटोरियम दो तल का होगा, जिसमें 900 सीटों और 500 व्यक्तियों की क्षमता वाले दो वातानुकूलित सभागार होंगे। साथ ही, भूतल पर वाहनों की पर्याप्त पार्किंग सुविधा भी उपलब्ध होगी। अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों से युक्त यह आडिटोरियम नृत्य, वाद्य और नाटक की पूर्व वैभवशाली परंपरा को पुनर्जीवित करने में सहायक सिद्ध होगा। यह सुविधा आने वाले समय में अभिभावकों, विद्यार्थियों और अतिथियों के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होगी। स्कूल प्रबंधन का मानना है कि इस ऑडिटोरियम के बन जाने से विद्यार्थियों को अपने प्रतिभा प्रदर्शन का अधिक अवसर मिलेगा और संस्था को भी राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर प्राप्त होगा।
गणेश पूजा की अंतिम दिन महाप्रसाद का आयोजन- विद्यालय परिसर में गणेश पूजा का समापन बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ किया गया। पूजा के अंतिम दिन महाप्रसाद का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक और स्थानीय लोग शामिल हुए। महाप्रसाद वितरण के दौरान पूरे वातावरण में भक्ति और सौहार्द्र का माहौल देखने को मिला। इस अवसर पर टाटा स्टील कॉर्पोरेट सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट डी. बी. सुन्दर रामन अपनी धर्मपत्नी के संग विशेष रूप से मौजूद रहे। उन्होंने न केवल पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया बल्कि विद्यालय में चल रहे विकास कार्यों का भी अवलोकन किया। विद्यालय प्रबंधन द्वारा उन्हें आगामी योजनाओं और अधोसंरचनात्मक बदलावों की जानकारी दी गई। कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट ने इन प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस प्रकार की पहल से छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और उनका सर्वांगीण विकास संभव होगा।
विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों ने बताया कि आने वाले महीनों में ऑडिटोरियम का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद स्कूल में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को एक नया आयाम मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए उपयोगी साबित होगा, क्योंकि स्कूल समय-समय पर सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मेजबानी भी करता है।
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