Jamshedpur (Nagendra) पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने चाईबासा शहर में आदिवासियों पर पुलिस लाठीचार्ज की घटना पर कड़ी आलोचना की। साथ ही उन्होंने बुधवार को कोल्हान बंद का एलान किया। उन्होंने दावा किया कि आदिवासी सोमवार को झारखंड के परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ के आवास का घेराव करने गए थे और यह मांग कर रहे थे कि लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-220 और एनएच-75ई पर दिन के समय भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। चंपई सोरेन ने कहा कि आदिवासी समुदाय के लोग परिवहन मंत्री से गुहार लगाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने सोमवार रात उन पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे। इससे पहले, पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रशासन ने सोमवार रात आठ बजे से परिवहन मंत्री के आवास के 200 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी।
सामाजिक कार्यकर्ता रमेश बालमुचू और उनके सहयोगियों ने चाईबासा में मंत्री बिरुआ के आवास का घेराव करने की धमकी दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बिरुआ के आवास के घेराव के दौरान पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया , जबकि 17 अन्य लापता हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने चाईबासा में आदिवासियों-मूलवासियों की आवाज दबाने के लिए उन पर लाठीचार्ज कराया । पूर्व सीएम चंपई ने आदिवासियों-मूलवासियों से ‘आदिवासी/मूलवासी विरोधी’ सरकार को हटाने के लिए एकजुट होने की अपील की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लाठीचार्ज का सहारा लेने के बजाय बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझा सकती थी। वहीं जमशेदपुर पूर्वी के भाजपा विधायक पूर्णिमा साहू ने भी हेमंत सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि “आदिवासियों की हितैषी होने का दावा करने वाली हेमंत सरकार के शासनकाल में सबसे ज्यादा दमन आदिवासियों पर ही हो रहा है।” विधायक ने इसे सरकार की असंवेदनशीलता बताया और कहा कि चाईबासा की यह घटना लोकतंत्र पर कलंक है। पूर्णिमा साहू ने इस दमनकारी सरकार के खिलाफ बुधवार को कोल्हान बंद को लेकर उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि इस बंदी को सफल बनाकर “इस घमंडी सरकार को सख्त चेतावनी दें।”



























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