Jamshedpur (Nagendra) सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन' द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक कार्यक्रम "कथा मंजरी" का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य समिति की मार्गदर्शिका श्रीमती नीलिमा पाण्डेय तथा संचालन , समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ० यमुना तिवारी व्यथित ने की, जबकि धन्यवाद ज्ञापन तुलसी भवन कार्यकारिणी के श्री प्रसन्न वदन मेहता ने किया। दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत हुई। सरस्वती वंदना सुश्री पूनम महानंद ने प्रस्तुत किया। स्वागत वक्तव्य तुलसी भवन के मानद महासचिव डाॅ० प्रसेनजित तिवारी ने दिया। तदनुपरांत 'कथा मंजरी' के मौके पर विभिन्न विषयों को स्पर्श करती हुई कुल 15 कहानियों का पाठ किया गया, जिसकी समीक्षात्मक टिप्पणी कथा पाठ के उपरान्त श्रीमती नीलिमा पाण्डेय ने अपनी अध्यक्षीय वक्तव्य के दौरान की।
जो निम्न प्रकार है : आलोक मंजरी- स्वचेतना, डाॅ० अरुण कुमार शर्मा-पहली किताब, श्रीमती माधुरी मिश्रा श्यामली, वसंत जमशेदपुरी-जो बीत गई सो बात गई, श्रीमती शकुंतला शर्मा-असली दान, श्रीमती उषा झा शरद पूर्णिमा, श्रीमती ममता कर्ण 'मनस्वी'-महत्व हिन्दी का, भंजदेव देवेन्द्र कुमार 'व्यथित'-बावरा, निशांत सिंह-मिट्टी का बेटा, नरेश चन्द्र महापात्र-एक अनार सौ बीमार, डाॅo उदय प्रताप हयात-आटा, कन्हैया लाल अग्रवाल- जडमूर्ति से चैतन्य का भाव, श्रीमती अरुणा झा-फुदकी मामी, श्रीमती उषा झा-शरद पूर्णिमा, हरभजन सिंह- 'रहबर'.
इस अवसर पर मुख्य रुप से डॉ रागिनी भूषण, वसंत जमशेदपुरी, डाॅo संजय पाठक 'सनेही', जितेश कुमार तिवारी , पूनम महानंद सहित अनेक साहित्यकारों की उपस्थिति रही।
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