Jamshedpur (Nagendra) बिस्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में चल रहे स्वदेशी मेला के सभागार में क्विज प्रतियोगिता, समृद्ध एवं समर्थ भारत का आधार स्वदेशी के विषय पर संगोष्ठी और सांस्कृतिक संध्या में बबला एवं समूह के द्वारा गीत कि प्रस्तुती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमर कुमार सिंह, विशिष्ट अतिथि स्पर्धा प्रकाशन के निदेशक अजय भागरके , श्रीमन क्लासेस के संस्थापक श्रीमन त्रिगुण, स्वदेशी मेला के सहसंयोजक अमिताभ सेनापति , स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक राजपतिदेवी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए डॉ अमर कुमार सिंह जी ने कहा कि स्वदेशी मेला न केवल हमारी भारतीय संस्कृति, परंपरा और स्वदेशी भावना का उत्सव है, बल्कि यह हमारे आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक सशक्त कदम भी है। स्वदेशी विचार केवल वस्त्र या वस्तु तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक सोच, एक संस्कार और एक राष्ट्रीय भावना है। विशिष्ट अतिथि अजय भागरके ने कहा कि क्विज प्रतियोगिता सिर्फ प्रश्न और उत्तरों का खेल नहीं है बल्कि यह ज्ञान, तेजी और देशभक्ति की परीक्षा है, यह हमें याद दिलाती है कि जो अपने देश को जानता है, जो स्वदेशी को बढ़ावा देता है, वही सच्चा राष्ट्रभक्त बनता है।
इस अवसर पर स्वदेशी मेला के सहसंयोजक अमिताभ सेनापति ने कहा कि स्वदेशी मेले परिसर में क्विज प्रतियोगिता का आयोजन का मुख्य उद्देश्य हमारे छात्र-छात्राओं एवं युवाओं में ज्ञान, जागरूकता और स्वदेशी विचारधारा के प्रति रुचि बढ़ाना है। यह क्विज प्रतियोगिता तीन चरणों में संपन्न हुई जिसमें पहले राउंड सामान्य ज्ञान एवं करंट अफेयर्स , दूसरा राउंड स्वदेशी भारत विशेष एवं तीसरा राउंड दर्शक सहभागिता थी।
इस क्विज प्रतियोगिता का प्रश्नोत्तरी संचालन श्रीमन त्रिगुण जी ने करते हुए कहा कि पूरे उत्साह और अनुशासन के साथ इस प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने ज्ञान का प्रदर्शन करें और आत्मनिर्भर भारत के इस अभियान में अपनी भूमिका निभाएँ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती राजपति देवी ने किया। स्वागत भाषण प्रतिभा रानी मिश्रा ने किया। कार्यक्रम का मंच संचालन नवनीत सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन अखिल कुमार ने किया। इस क्विज प्रतियोगिता में कोल्हान प्रमंडल के विभिन्न विश्वविद्यालयों,महाविद्यालयों एवं तकनीकी संस्थानों के सैकड़ो विद्यार्थी गण शामिल हुए। प्रथम स्थान रानी लक्ष्मी बाई ग्रुप सह श्रीनाथ यूनिवर्सिटी के शुभोदीप कर मोदक, देवेंद्र नाथ महतो, सोहन मोहंती, अनीस रजक एवं ऋषु राज ने प्राप्त किया।
द्वितीय स्थान डॉ राजेंद्र प्रसाद ग्रुप सह अरका जैन यूनिवर्सिटी के सरस्वती कुमारी, प्रभप्रीत सिंह सैनी, युवराज सिंह उजाला एवं श्वेता कुमारी ने प्राप्त किया। तृतीय स्थान लाला लाजपत राय ग्रुप सह जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज के तृप्ति रानी बेरा, रिमी कुमारी, संतोषी कुमारी, सावित्री बिरुली, प्रियंका चौधरी एवं अंकित महतो ने प्राप्त किया। अंत में इस प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले तीनों ग्रुप को पुरस्कृत किया गया एवं साथ ही इस प्रतियोगिता में शामिल सैकड़ो सभी प्रतिभागियों को सद्भावना पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता बन्दे शंकर सिंह ने कहा कि 1000 वर्ष पूर्व दुनिया के उत्पादन का एक तिहाई हिस्सा उत्पादन अकेले हिंदुस्तान में होता था।अंग्रेज जब 1600 ईस्वी में हिंदुस्तान आये उस वक्त 24% हिस्सेदारी पूरे विश्व के जीडीपी में हिंदुस्तान कि थी।
हिंदुस्तान के जो उद्योग था वह पूरी दुनिया में समान भेजता था ऐसा इतिहास में लिखा है। अंग्रेज जानते थे कि यदि लंबे समय तक भारत पर राज करना है तो इसकी परंपरा शिक्षा नीति और संस्कृति को समाप्त करना होगा और उन्होंने ऐसा किया भी। लेकिन हमारे बीच राष्ट्र भावना से प्रेरित कुछ महानुभावों रहे जिन्होंने भारतीयों को सही मार्ग दिखाया और उनकी प्रेरणा से हर क्षेत्र में कार्य करने के लिए अनेक संगठनों की रचना की। इस रचना का परिणाम स्वदेशी जागरण मंच है जो लोगों के बीच स्वदेशी भाव को जगाने का निरंतर प्रयास करती है। आज पूरा देश यह जान रहा है और महसूस कर रहा है कि यदि हम आत्मनिर्भर ना बने, यदि हमारी टेक्नोलॉजी भारतीय नहीं हो, यदि हमारी संस्कृति भारतीय नहीं हो, यदि हमारा भोजन जैविक नहीं हो तो आने वाले समय में हमारा देश न केवल विनाश की ओर जाएगा बल्कि बीमार भी हो जाएगा। समृद्धि एवं समर्थ भारत बनाने के लिए हमें स्वदेशी तकनीक स्वदेशी संस्कृति सदस्य खान- पान जैविक खेती एवं स्वावलंबन की सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। सांस्कृतिक संध्या में अतिथि के रूप में समाजसेवी मिंटू सिंह शिव शंकर सिंह समाजसेविका उषा महतो विश्व हिंदू परिषद के विभाग के अध्यक्ष अरुण सिंह उपस्थित रहे। सांस्कृतिक संध्या के पूर्व उन्हें मंच ने सम्मानित किया और उसके बाद जीत की प्रस्तुति की गई।
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