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Jamshedpur सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने अपने अध्यक्षीय काल का अंतिम पत्र लिखा सीएम हेमन्त सोरेन को Singhbhum Chamber of Commerce and Industry President Vijay Anand Moonka wrote the last letter of his presidential tenure to CM Hemant Soren.

 


Jamshedpur (Nagendra) सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष (सत्र 2023-25) ने झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरने को अपने अध्यक्षीय काल का अंतिम पत्र लिखते हुये झारखण्ड की आम जनता की वेदनाओं और इच्छाओं से अवगत कराया है और कहा कि विकसित और समृद्ध झारखण्ड हरेक झारखण्ड वासियों का सपना है। और इसे पूरा करने के लिये झारखण्ड सरकार को कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर कार्य करने का सुझाव पत्र के माध्यम से प्रेषित किया है। अध्यक्ष ने कहा कि दिशोम गुरू शिबू सोरेन के सपनों का झारखण्ड जिसका देश के समृद्ध और विकसित राज्यों के रूप में पहचान हो यही प्रत्येक झारखण्ड वासियों की इच्छा है। 


 

मान्यवर, आज झारखण्ड के श्रम और पैसों से दूसरे राज्य विकसित हो रहे हैं।  आज भारत के अनेकानेक राज्यों में झारखण्ड के व्यक्ति मजदूरी कर रहे हैं या उच्च पद पर हैं।  झारखण्ड के बच्चों से दूसरे राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में पैसा खर्च हो रहा है जिससे उस राज्य का विकास हो रहा है।  झारखण्ड के मरीजों के पैसे से देश के अन्य शहरों के अस्पताल और उन शहरों का विकास हो रहा है।  हम चाहते हैं कि आपके कुशल नेतृत्व में झारखण्ड ऐसा खुशहाल, समृद्ध, विकसित राज्य बने जहां के लोगों को ईलाज कराने के लिये बाहर नहीं जाना पड़े, जहां के बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिये झारखण्ड छोड़ने के लिये मजबूर नहीं होना पड़े। राज्य के विकास और इन क्षेत्रों मे कार्य करने हेतु कुछ निम्नलिखित मुद्दें है जिनपर कार्य किया जाय तो पूरे राज्य के साथ-साथ कोल्हान की दशा-दिशा बदली जा सकती है। और राज्य को विकसित राज्य के रूप में खड़ा करने के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है -

 

राज्य में उच्च शिक्षा हेतु शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना : 

1) अधिकांश छात्र-छात्राओं को बारहवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उच्च एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुविधा हेतु देश की दूसरे शहरों की तर्ज पर यहां शिक्षण संस्थानों की अति आवश्यकता है जिससे यहां के छात्रों को इसके लिये दूसरे राज्यों की ओर पलायन न करना पड़े। 

2) प्रत्येक बच्चे/छात्र-छात्राओं के पिता/अभिभावक को प्रतिमाह अच्छी-खासी राशि अपने बच्चों के उच्च शिक्षा के लिये खर्च करनी पड़ती है और वे ये राशि अपने बच्चों को दूसरे राज्यों के यूनिवर्सिटीज/कॉलेजों में पढ़ाने के दौरान भेजते हैं।  इससे झारखण्ड राज्य का पैसा दूसरे राज्यों के विकास में सहायक हो रहा है। और झारखण्ड राज्य के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। यह राशि हमारे राज्य में ही रहे तो झारखण्ड के विकास में सहायक होगा।

3) हमारा सुझाव होगा कि अगर किसी कारणवश उच्च शिक्षा के लिये उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना में विलंब हो रही है तो इसकी पूर्ति हेतु आपके नेतृत्व में वरीय अधिकारी राज्य के अंग्रेजी स्कूलों के प्रबंधन के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें निर्देशित करें कि वे देश के बड़े उच्च शिक्षण संस्थानों जैसे, सिम्बोयसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, एस.पी. जैन कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी, अंबेडकर यूनिवर्सिटी, जे.एन.यू., जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, वेल्लोर इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मनीपाल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रमैया इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बिरला इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बी.एच.यू., इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साईंस, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी आदि संस्थानों के साथ एम.ओ.यू. कर/थ्तंदबीपेमम राज्य के उच्च अंग्रेजी स्कूलों में उन संस्थानों के संध्या कालीन क्लासेस अपने स्कूलों में शुरू करें।

4) उपरोक्त तथ्यों पर उचित संज्ञान लेने से उच्च शिक्षा हासिल करने के लिये झारखण्ड के छात्र-छात्राओं का पलायन रूक सकता है और झारखण्ड राज्य की युवा शक्ति और उनके ज्ञान का उपयोग का झारखण्ड के विकास में योगदान बढ़ेगा तथा और राज्य के राजस्व का नुकसान भी नहीं होगा। आज अधिकांश लोगों की मजबूरी है कि उच्च गुणवत्तापूर्व शिक्षा के लिये बारहवीं के बाद अपने बच्चों बाहर भेजना पड़ता है।क्यों नहीं आपके कुशल नेतृत्व में झारखण्ड में देश के अन्य राज्यों की तर्ज पर उच्च शिक्षण संस्थान बन सके जिससे झारखण्ड के बच्चे झारखण्ड में ही पढ़ें, क्यों नहीं देश के दूसरे राज्यों के बच्चे यहां आकर पढ़े।  आपके नेतृत्व में यह संभव हो सकता है, ऐसा हमारा मानना है।


राज्य में उच्च चिकित्सा सुविधा की उपलब्धता :

1) वर्तमान परिपेक्ष्य में जिस तरह से लोग बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं उस परिपेक्ष्य में राज्य में उच्च चिकित्सा सुविधा हेतु अच्छे और मल्टी सुपरस्पेशिलिटी अस्पतालों की नितांत आवश्यकता महससू की जा रही है। इसके अनुपलब्धता के कारण यहां के लोगों को उच्च चिकित्सा सुविधा के लिये देश के दूसरे शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है। 

2) विभिन्न तरह की जटिल बीमारियों के ईलाज हेतु सुपर एवं मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल की उपलब्धता नहीं होने के कारण यहां के लोगों को झारखण्ड के बाहर दूसरे राज्यों एवं शहरों मसलन बंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, पुणे, दिल्ली जैसे बड़े शहरों मेें जाना पड़ता है।  जिससे लोगों को आवागमन मंे खर्च  भी बढ़ जाता है और राज्य का राजस्व भी बाहर जाता है।  

झारखण्ड राज्य में ऐसे अस्पतालों का निर्माण हो जिससे यहां की जनता, व्यापारी, राजनेता, अधिकारियों का ईलाज झारखण्ड में हो जिससे झारखण्ड का पैसा झारखण्ड में ही रहे साथ ही दूसरे राज्यों के लोग झारखण्ड में ईलाज कराने पहुंचे।  हमें विश्वास है यह आपके नेतृत्व में सफलतापूर्वक हो सकता है।


राज्य में बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों का निवेश:

1) किसी भी शहर या राज्य के विकास में सबसे महत्वपूर्ण वहां बड़े उद्योगों की स्थापना अति आवश्यक है। 

2) कोल्हान में लघु, मध्यम औद्योगिक ईकाईयों की संख्या हजारों में है।  हमारा मानना है कि इसके अलावा यहां अन्य बड़े उद्योगों की स्थापना, चारपहिया, दोपहिया, तीनपहिया वाहनों के प्रतिष्ठानों एवं सरकारी उपक्रमों जैसे रेलवे के कलपुर्जों के निर्माण से संबंधित उद्योगों की स्थापना से यहां औद्योगिक विकास तेजी से आगे बढ़ेगा  इसके लिये यहां का माहौल भी अनुकूल है।  

3) उपरोक्त उद्योगों की स्थापना से राज्य के राजस्व में भी वृद्वि होगी और यह राजस्व राज्य के विकास कार्यों में खर्च होगी। और राज्य को विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य की ओर हम एक कदम और आगे बढ़ेंगे। 

धालभूमगढ़ / जमशेदपुर में एयरपोर्ट की अति आवश्यकता (दिशोम गुरू शिबू सोरेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट) :

1) जमशेदपुर को स्थापित हुये 100 वर्ष से अधिक हो चुके हैं।  जिसे देश के प्रतिष्ठित शहर स्टील सिटी के नाम से भी जाना जाता है और झारखण्ड राज्य की आर्थिक राजधानी के साथ औद्योगिक नगरी भी कहलाती है। लेकिन फिर भी आज इसका समग्र विकास नहीं हो पाया है। इसके लिये अत्यंत आवश्यक है जमशेदपुर में एयरपोर्ट की स्थापना।  

2) यहां लगभग तेरह सौ से अधिक बड़े, मध्यम एवं लघु उद्योग स्थापित है।  लेकिन अबतक हवाई अड्डे का निर्माण नहीं हो पाया है। जिसके कारण यहाँ आने जाने वाले आम जनता को हवाई यात्रा करने हेतु दूसरे शहर रांची या कोलकाता जाकर हवाई जहाज पकड़नी पड़ती है जो कि उनके लिये काफी परेशानी  और समय की बर्बादी वाली होने वाली स्थिति होती है।  

3) एयरपोर्ट की अनुपलब्धता के कारण जमशेदपुर एवं इसके आसपास के क्षेत्रों का विकास लगभग ठहर सा गया है। एयरपोर्ट के नहीं होने के कारण यहां नये निवेशक नहीं आने के कारण जमशेदपुर में नये व्यवसाय और उद्योगों की स्थापना नहीं हो पा रही है इससे सरकार के लिये नये राजस्व प्राप्ति के रास्ते नहीं खुल पा रहे हैं। 

4) धालभूमगढ़ में जो प्रस्तावित उक्त एयरपोर्ट है या जमशेदपुर में बनने वाले एयरपोर्ट का नाम ‘दिशोम गुरू शिबू सोरेन इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ हो। झारखण्ड और कोल्हान वासियों के तरफ से दिशोम गुरू को यह सच्ची और सही मायने में श्रद्धांजलि होगी।

राज्य में पर्यटन को बढ़ावा : कोल्हान में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनायें हैं अगर इसे विकसित किया जाय तो यह राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल बन सकते हैं जिससे कि रोजगार, राजस्व एवं झारखण्ड की मान प्रतिष्ठा और बढ़ेगी।  

1) चांडिल डैम:

क) चांडिल डैम में उच्च स्तर के तरह-तरह के खान-पान के रेस्टोरेंट की व्यवस्था हो, 

ख) चांडिल डैम के आसपास 4-10 कमरे का एक गेस्ट हाउस बने ताकि इस राज्य के अलावा निकटवर्ती राज्यों के पर्यटकों को भी आकर्षित कर सके।

ग) वाटर स्पोर्टस की व्यवस्था हो।

घ) वर्तमान में पर्यटकों के लिये यहां किसी प्रकार की शौचालय की व्यवस्था नहीं है। इसकी उचित व्यवस्था की जानी चाहिए।

2) दलमा  - प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण एवं प्राचीन शिव मंदिर होने के कारण इस स्थान का अलग ही महत्व है परंतु आधारभूत संरचनाओं जैसे, पक्की सड़क, स्ट्रीट लाईट, सुरक्षा व्यवस्था, पीने का पानी, शौचालय एवं अन्य कारणों से लोग परिवार सहित नहीं जा पाते हैं एवं ट्रैकिंग हेतु उचित व्यवस्था। एन.एच. 33, होटल वेब इंटरनेशनल के आसपास से दलमा अथवा डिमना तक रोपवे/केबुल कार की व्यवस्था हो जाने से कोल्हान में पर्यटन को नये आयाम मिल सकेंगे।

4) सतनाला डैम (डोबो) - कांदरबेड़ा स्थित डोबो के पास सतनाला डैम को भी विकसित किया जा सकता है। 

5) महादेवशाल  - पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत गोईलकेरा के नजदीक शिवजी का स्वयंभू शिवलिंग होने के कारण यह स्थान भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है।  यहां भी उचित आधारभूत संरचनाओं जैसे, बिजली, पीने का पानी, सड़क, खानपान की व्यवस्था, रूकने हेतु गेस्ट हाउस इत्यादि।

6) घाटशिला -घाटशिला की प्राकृतिक मनोरम वादियां, प्राचीन मंदिर, स्मारक, फुलडुंगरी हिल्स, धारागिरी फॉल्स और गुफायें हैं जो यहां की गौरवशाली अतीत को दर्शाती है। यह प्रसिद्ध बंगाली लेखक विभूतिभूषण बंदोपाध्याय का जन्मस्थल भी है।  यहां स्थित बुरूडीह डैम में नौका विहार, वाटर स्पोर्टस, गेस्ट हाउस, रेस्टोरंेट, शौचालय की उचित व्यवस्था हो।  इन सबको पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है। हमें यह विश्वास है कि आपके नेतृत्व में झारखण्ड सरकार जल्द ही उपरोक्त बिन्दुओं पर  उचित एवं महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुये जमशेदपुर में विकास के नये आयाम स्थापित करेगी जिससे झारखण्ड राज्य को विकसित राज्य बनाने के लिये मार्ग प्रशस्त होगी।



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