Jamshedpur (Nagendra) जमशेदपुर ब्लड सेंटर में आनंद मार्ग के रिलीफ कोऑर्डिनेटर सुनील आनंद और उनकी पत्नी रूपा देवी ने दोनों एक साथ रक्तदान कर समाज के सामने अपनी एक अलग पहचान बनाई। वैसे सुनील आनंद ने इससे पहले कई बार रक्तदान कर चुके हैं और मरते को तिनका का सहारा बनकर कई लोगों को जीवन दान में महती भूमिका निभाई है। सुनील आनंद अपनी पत्नी के संग रक्तदान कर एक अलग गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी एवं परिवार के अन्य सदस्य के साथ रक्तदान करने से परिवार में रक्तदान के प्रति संस्कृति विकसित होती है। आने वाले पीढ़ी के लिए यह प्रेरणादायक कर्म का बोध होता है और इससे त्याग का भाव भी विकसित होता है।
उनका कहना है कि जितने भी रक्तदाता निःस्वार्थ भाव से रक्तदान करते हैं वह सभी लोग ईश्वर कोटि के मनुष्य हैं, क्योंकि रक्तदान करने में रक्तदाता का किसी प्रकार का कोई भी स्वार्थ नहीं होता है। उनके एक कतरा खून से अगर किसी की जान बचती है तो इससे बड़ी खुशी उनके जीवन में और कुछ नही होता। परम पुरुष के बच्चे अपने संस्कारगत कारण से कष्ट भोग कर रहे हैं। उन बच्चों के स्वास्थ्य लाभ के लिए जो रक्तदान करते हैं वही लोग आज ईश्वर कोटि के मनुष्य कहलाते हैं।

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