Jamshedpur (Nagendra) सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन द्वारा संस्थान के मानस सभागार में नगर के सुप्रसिद्ध कवयित्री एवं साहित्य समिति, तुलसी भवन की प्रचार सचिव माधवी उपाध्याय की द्वितीय काव्य संग्रह ' द्वार मन के सजे ' का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तुलसी भवन के उपाध्यक्ष राम नन्दन प्रसाद तथा संचालन , साहित्य समिति की सदस्य पूनम महानंद ने की। कार्यक्रम में अतिथिद्वय स्थानीय अर्का जैन विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉo अंगद तिवारी तथा राॅची से पधारीं सुविख्यात साहित्यकार डॉo सुरिन्दर कौर 'नीलम' सहित तुलसी भवन के न्यासी मुरलीधर केडिया मंचासीन रहे।
दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की शुरुआत हुई। सरस्वती वंदना राजेन्द्र साह 'राज' ने प्रस्तुत किया । स्वागत वक्तव्य तुलसी भवन के मानद महासचिव डाॅ० प्रसेनजित तिवारी ने दिया। लोकार्पित पुस्तक पर पाठकीय प्रतिक्रिया डाॅo अरुण सज्जन ने प्रस्तुत किया। इसके बाद कवयित्री माधवी उपाध्याय का साहित्यिक परिचय सुरेश चन्द्र झा ने पढी , तत्पश्चात काव्यात्मक परिचय डाॅo यमुना तिवारी व्यथित ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन साहित्य समिति की रीना सिन्हा 'सलोनी' द्वारा दी गई।
इस अवसर पर मुख्य रुप से साहित्य समिति के सचिव डाॅo अजय कुमार ओझा , अशोक पाठक स्नेही, बसंत जमशेदपुरी, दिव्येन्दु त्रिपाठी, डाॅo आशा गुप्ता, सरिता सिंह, हरि मित्तल, हरिहर राय चौहान, शिव नंदन सिंह, राजेन्द्र राज, पूनम शर्मा स्नेहिल, सुष्मिता मिश्रा, बलविन्दर सिंह, प्रसन्न वदन मेहता, ममता कर्ण, सुनील उपाध्याय, वसंत जमशेदपुरी, अशोक शुभदर्शी, वीणा कुमारी नंदिनी, डाॅ० संध्या सिन्हा, राजेन्द्र सिंह, डाॅo संजय पाठक सनेही, राजदेव सिन्हा, डाॅo उदय प्रताप हयात, सोनी सुगंधा, सुदीप्ता जेठी राउत, सुरेश दत्त पाण्डेय, रंदी सत्यनारायण राव, भंजदेव देवेन्द्र कुमार व्यथित, ज्योत्सना अस्थाना, नीता सागर चौधरी, नीलाम्बर चौधरी, माधुरी मिश्र, शकुन्तला शर्मा, अरुणा झा, विनोद बेगाना, दिव्येन्दु त्रिपाठी, मंजू ठाकुर, कवलेश्वर पाण्डेय, मंजू कुमारी, डाॅo रजनी रंजन, राजेश भोजपुरिया, प्रतिभा प्रसाद, शेषनाथ शरद, जय प्रकाश पाण्डेय, शिप्रा सैनी मौर्या, श्रेया उपाध्याय, हरि किशन चावला, विजयलक्ष्मी वेदुला, हरभजन सिंह रहबर, सरोज सिंह मधुप, राहुल शर्मा, वरुण प्रभात, सुजय कुमार एवं नगर के प्रबुद्ध लोगों की उपस्थिति रही।



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