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Bhopal साहित्यकारों के सुख दुख का साथी काव्य सृजन परिवारKavita Srujan Parivar, a companion in the joys and sorrows of writers

 


Upgrade Jharkhand News. देश में वैसे तो कई साहित्यिक संस्थाएं काम कर रही हैं लेकिन उनमें से कुछ ही हैं जो अपने उद्देश्य को लेकर गंभीर और सफल हैं, इन्हीं में से एक है मुंबई की साहित्यिक संस्था "काव्य सृजन परिवार"। यह संस्था मूलतः साहित्यिक संस्था है लेकिन सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय है इसलिए आज इसने एक परिवार का रूप ले लिया है।  देशभर के साहित्यकार और उनके परिवार इस संस्था जुड़े हुए हैं, जो सुख दुख में हमेशा एक साथ खड़े रहते हैं। इनका हर आयोजन एक राष्ट्रीय पर्व का रूप ले लेता है, यहां तक कि होली और दिवाली मिलन में भी देश के कोने-कोने से साहित्यकार इकट्ठे हो जाते हैं, मुंबई जैसे महानगर में यह अविश्वसनीय सा लगता है। काव्य सृजन परिवार के संस्थापक शिव प्रकाश जमदग्रिपुरी का साहित्यिक समर्पण उल्लेखनीय है, उन्होंने बहुत मेहनत से इस संस्था को खड़ा किया और अपनी सारी पूँजी इस संस्था को स्थापित करने में  लगा दी। कई बार संस्था को अर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा तब शिव प्रकाश जी ने चाय बेचकर भी संस्था की नियमितता बनाए रखी और अपना साहित्य सृजन भी जारी रखा । साहित्य के प्रति इतना समर्पण आज विरले ही देखने को मिलता है । संस्था से देश के करीब ढाई हजार कवि और लेखक जुड़े हुए हैं , जिनमें  कई प्रोफेसर, डॉक्टर और पत्रकार शामिल हैं जो अपने अपने प्रदेशों में तन ,मन,धन से साहित्य के प्रचार प्रसार में लगे हैं। यह संस्था वरिष्ठ कवियों के अलावा युवाओं के उत्साहवर्धन के लिए युवा कवि सम्मलनों का आयोजन भी करती है और उनका मार्गदर्शन भी। इसके अलावा छोटी और गरीब बस्तियों के बच्चों की शिक्षा में मदद करती है, हर साल उनको पाठ्य सामग्री मुफ्त वितरित करती है और इन बस्तियों के जिन बच्चों में साहित्यिक प्रतिभा होती है उन्हें मंच प्रदान भी करती है। 



इस संस्था के संस्थापक शिव प्रकाश जमदग्रिपुरी के साथ ही महासचिव अंजनी कुमार द्विवेदी विशेष रूप से इस कार्य में भागीदार होते हैं, अंजनी कुमार पेशे से प्रोफेसर हैं इसलिए बच्चों को शिक्षित करने में उनका समर्पण अधिक है और वो मुंबई की बस्तियों और बारीकियों से भली भांति परिचित हैं । मुंबई में हिंदी के आयोजन करने में यह संस्था अग्रणी है, और खास बात यह है कि हिन्दी के साथ मराठी कवियों के आयोजन भी यह संस्था करती है। इसके अलावा सारे देशभर में इनके  ऑनलाइन कार्यक्रम तो हर महीने होते ही हैं। कोरोना काल में संस्था ने  ऑनलाइन जागरुकता अभियान भी चलाया और उस समय देशभर के साहित्यकारों से घर बैठे ही सम्पर्क कायम किया। उस समय जिसको मदद को जरूरत थी उन कवियों की हर तरह से मदद भी की।इन्हीं सामाजिक कार्यों के कारण काव्य सृजन परिवार आज देश में अग्रणी है जो समाज और साहित्य दोनों को प्रोत्साहित कर रहा है। भविष्य में भी इनकी इस तरह के कार्यों की योजना है, जिसमें युवाओ को बड़ी संख्या में हिंदी साहित्य से जोड़ा जाएगा।  मुकेश "कबीर



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