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Jamshedpur जेंडर आधारित हिंसा और डिजिटल हिंसा के खिलाफ 'युवा' ने किया एकजुट होने आह्वान ,16 दिवसीय अभियान के संपन्न होने पर विशेष परिचर्चा का आयोजन 'Yuva' called for unity against gender-based violence and digital violence, organized a special discussion on the completion of the 16-day campaign.

 


Jamshedpur (Nagendra) अपराध के खिलाफ आवाज उठाना सबसे पहला कदम है. आज के जमाने में घर में बैठे-बैठे भी महिलाएं जेंडर आधारित हिंसा और ऑनलाइन हिंसा की शिकार हो रही हैं, लेकिन आज भी उसे हिंसा न मानकर और आवाज उठाने पर 'इज्जत' का हवाला देकर खासकर महिलाओं को सामाजिक रुप से चुप करा दिया जाता है. मगर अपराधी को बढावा न मिले, उसके लिए पहला कदम उठाना जरुरी है. ऑनलाइन हिंसा(चाहे कोई अश्लील सामग्री ऑनलाइन डाल दे, चाहे कोई फोटो या वीडियो एडिट करके डाल दे, कोई अश्लील मैसेज भेजे या पैसे की ठगी कर ले या अन्य कृत्य) की शिकार होने पर घबराएं नहीं, बल्कि बिष्टुपुर में साइबर थाना का रुख करें. वहां पूरी टीम है, जो आपके केस को दर्ज करके, फिर जांच के बाद आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करेगी. जेंडर आधारित हिंसा व डिजिटल हिंसा के खिलाफ 'युवा' संस्था के 16 दिवसीय अभियान के समापन पर होटल बुलेवर्ड में आयोजित विशेष परिचर्चा में बतौर अतिथि पहुंचे साइबर थाना के पदाधिकारी अमितेश अमित ने उपरोक्त बातें कही. 



उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं को ऑनलाइन हिंसा से निपटने को लेकर अहम कानूनी जानकारी देते हुए बताया कि विकलांगता या अन्य किसी कारण पीड़ित अगर साइबर थाना नहीं आ सकती हैं, तो www.cybercrime.gov.in पर शिकायत की जा सकती है या फिर 1930 पर काॅल करके शिकायत रजिस्टर कराई जा सकती है. कार्यक्रम में बतौर अतिथि पहुंचे साइबर थाना के पदाधिकारी कुणाल राजा ने बताया कि साइबर थाना लगातार ऑनलाइन हिंसा को लेकर विभिन्न स्कूलों व अन्य जगहों पर 'साइबर पीस' के साथ मिलकर जागरुकता अभियान चला रहा है. हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता और बढ़ाने की जरुरत है. परिचर्चा में बतौर अतिथि मौजूद वन स्टाॅप सेंटर, जमशेदपुर की प्रतिनिधि नीतू ने साइबर थाने के पदाधिकारियों के समक्ष एक अहम मुद्दा उठाया कि अक्सर अश्लील या निजी पलों या एडिट कर अश्लील फोटो / वीडियो बनाकर सार्वजनिक करने से संबंधी मामलों में पीड़ित महिलाएं झिझक और लज्जावश सीधे साइबर थाने न जाकर वन स्टाॅप सेंटर में आती हैं, क्योंकि साइबर थाने में ज्यादातर पुरुष होते हैं. इस पर अमितेश अमित ने जानकारी दी कि ऐसे हालात में साइबर थाना बिष्टुपुर थाने में पदस्थापित महिला पदाधिकारियों की मदद लेता है. 



वहीं परिचर्चा में बतौर अतिथि शरीक हुए झारखंड विकलांग मंच के प्रतिनिधी नरेंद्र ने यह सवाल उठाया कि थानों में इंटरप्रेटर की गैर मौजूदगी में विकलांग लोगों खासकर महिलाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ती है, इसलिए जेंडर आधारित हिंसा या ऑनलाइन हिंसा की शिकार विकलांग महिलाएं या युवा या बच्चियां रिपोर्ट नहीं करतीं. इस पर साइबर थाना के प्रतिनिधियों ने आश्वस्त किया कि इंटरप्रेटर की नियुक्ति को लेकर वे लोग उच्चाधिकारियों तक आवाज पहुंचाएंगे. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि उपलब्ध संसाधनों में ही वे लोग जहां तक हो सके, प्रत्येक व्यक्ति के लिए न्याय का मार्ग प्रशस्त करने में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे. युवा संस्था की प्रतिनिधि के तौर पर चर्चा में शामिल, सह अतिथि सबीना देवगम ने बताया कि कैसे विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों के जरिए संस्था सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को जेंडर आधारित हिंसा और ऑनलाइन हिंसा के खिलाफ एकजुट होने के लिए प्रेरित कर रही है. सबीना ने बताया कि सबसे बड़ी चुनौती यह आती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ऑनलाइन हिंसा को हिंसा मानते ही नहीं और इसे इज्जत से जोड़कर देखते हैं. 



परिचर्चा के अंत में 'सवाल- जवाब' के सत्र में कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने ऑनलाइन हिंसा व जेंडर आधारित हिंसा को लेकर कई सवाल पूछे, जिसका अतिथियों ने जवाब दिया. पुलिस पदाधिकारियों ने विभिन्न प्रकार की शंकाओं का समाधान किया. इस विशेष परिचर्चा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार सह 'युवा' की स्टेट वर्किंग कमिटी की सदस्य अन्नी अमृता ने किया. वहीं पूरे कार्यक्रम का संचालन अंजना देवगम ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत में अंजना देवगम ने जेंडर आधारित हिंसा और ऑनलाइन/डिजिटल हिंसा के खिलाफ 'युवा' के चल रहे 16 दिवसीय अभियान की जानकारी दी. उसके बाद शाॅल ओढ़ाकर अतिथियों का स्वागत  किया गया. उन्हें स्मृति चिन्ह के तौर पर पौधे भेंट किए गए. कार्यक्रम के अंत में चांदमनी संवैया ने धन्यवाद ज्ञापन दिया. कार्यक्रम में खास तौर पर महिला कल्याण समिति की संस्थापक अंजलि बोस शामिल हुईं. उनके साथ समिति की सुष्मृति और बेबी दत्ता भी मौजूद थीं. कार्यक्रम में सृजन संस्था से विक्रम झा, कला मंदिर से रुबी परवीन, DLSA से LDC विदेश सिन्हा व राजेश श्रीवास्तव, कापरा माझी, रिला सरदार, अवंती सरदार, सिकंदर सोय और रतन मौजूद थे.



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